जो व्यक्ति जीवन में इन तीन चीजों का ख्याल रखता है वह कभी असफल नहीं हो सकता : श्री देवकीनंदन ठाकुर

ग्राम कंचनपुरा में चल रही है श्री देवकीनंदन ठाकुर जी की श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 10 मई। विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में नौ से 15 मई तक प्रतिदिन ग्राम पोस्ट कंचनपुर, गोहद में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के मुखार बिंद से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस की शुरुआत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थान के साथ की गई।


पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए भक्तों को भजन ‘कर देगी बेड़ा पार ब्रज वृंदावन कीÓ श्रवण कराया। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा की शुरुआत करते हुए सफलता को लेकर कहा कि किसी भी मार्ग या किसी भी विषय में आर्थिक, मानसिक एवं अध्यात्मिक तौर पर यदि आप भी जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आप सभी को अपने जीवन में तीन मूल मंत्र जरूर याद रखने होंगे। आत्मा, शरीर और विद्या इन तीनों का पूर्णतय ध्यान हम सभी को हमेशा रखना चाहिए। श्रीमद् भगवत गीता में भी यही उपदेश दिए गए हैं। जिससे हम सभी को एक सुंदर शिक्षा भी मिलती है। जो व्यक्ति अपने जीवन में इन तीप चीजों का ख्याल रखता है वह कभी असफल नहीं हो सकता। पहला- आत्ना, हमें इस बात का ख्याल जरूर रखना चाहिए कि हमारी आत्मा शुद्ध हो और वो हमेशा नित्य बनी रहे, उस पर मैला असर ना हो। ऐसा करने के लिए हमें रोजाना 25 से 45 मिनट जाप, माला, पूजा व ध्यान करना चाहिए। अधिकांश ध्यान करने से हमारी आत्मा की शुद्धि होती है। दूसरा- शरीर, हमारा यह शरीर अनित्य है। हम आज जरूर हैं लेकिन कल नहीं रहेंगे। लेकिन जब तक हम जिंदा हैं तब हमारे शरीर का स्वस्थ होना परम आवश्यक है। क्योंकि अगर शरीर स्वस्थ नहीं हुआ तो आपका अध्यात्मिक उद्देश्य हो या आर्थिक उद्देश्य हो तो उसे अस्वस्थ शरीर के साथ पूर्ण करने में आप असफल होंगे। प्रत्येक उद्देश्य में सफल होने के लिए शरीर स्वस्थ होना बेहद जरुरी है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना 25-45 मिनट योग अभ्यास, प्रणायाम या व्यायाम जरूर करें। तीसरा- विद्या, किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में प्राप्त विद्दा से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। प्रत्येक दिन उसे बढ़ाने का उसे नित्य करने का प्रयास करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति विद्दा में सीमित रह जाता है तो उसका आगे बढऩा बेहद मुश्किल हो जाता है। हमें अपनी आत्मा को शुद्घ रखने के लिए भी अध्यात्मिक किताबे पढऩी चाहिए जैसे गीता, रामायण आदि। जो व्यक्ति इन तीनों चीजों का ध्यान सदैव रखता या रखेगा, उसे अपने जीवन में सफलता हासिल करने से कोई भी नहीं रोक सकता।
आज कथा में मप्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिण्डोलिया, पूर्व जिलाध्यक्ष रामेश्वर सिंह कौरव और देवेन्द्र प्रताप सिंह तोमर पधारे। सभी ने मंच पर आकर महाराजश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।