सीमा पर डंटे सैनिकों की शहादत कभी बेकार नहीं जाती

ग्राम बड़ेरी में शहीद लांस नायक अनूप शर्मा (शौर्यचक्र) की पुण्यतिथि पर किए श्रृद्धासुमन अर्पित

भिण्ड, 10 मई। देश पर मर मिटने वाले सैनिकों की शहादत कभी बेकार नहीं जाती उनकी प्रेरणा से ही प्रेरित होकर अन्य सैनिक भी अपने शौर्य का प्रदर्शन कर आगे बढ़ कर देश की रक्षा करते हुए हंसते-हंसते शहादत को स्वीकार कर लेते हैं। यह बात शहीद लांस नायक अनूप कुमार शर्मा (शौर्यचक्र) की 12वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पर मंगलवार को फूफ के निकट स्थित ग्राम बड़ेरी में आयोजित श्रृद्धांजलि सभा के दौरान बरुण सिंह भदौरिया ने कही। कार्यक्रम का शुभारंभ शहीद लांस नायक अनूप कुमार शर्मा के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए परमाल सिंह कुशवाह ने कहा कि अनूप शर्मा सात मई सन् 2010 को जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में चार आतंकवादियों को मौत के घाट उतार कर शहादत को प्राप्त हुए थे, उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने 27 साल की उम्र में जम्मू कश्मीर के बारांमूला जिले में आतंकवादियों से डटकर मुकाबला एवं मुठभेड़ करते हुए शहादत दी और इन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा मरणोपरांत शौर्यचक्र से अलंकृत किया गया। उन्होंने कहा कि देश की सेवा का अवसर हर किसी को नहीं मिलता, जिन्हें मिलता है उन्हें अपने शौर्य का प्रदर्शन करने का मौका नहीं दिया जाता और जिन्हें यह मौका मिलता है वह भाग्यशाली होते हैं।
कुशवाह ने चंबल अंचल के जांबाज शहीदों के व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला। इस मौके पर अतिथियों ने शहीद अनूप शर्मा की माता राजेन्द्री देवी को शॉल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन शहीद अनूप शर्मा जनसेवा समिति के सचिव रामशंकर शर्मा पत्रकार द्वारा किया गया। इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर, चरन सिंह सरल, शशिकांत शर्मा, आशुतोष शर्मा, पूर्व हवलदार राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, पूर्व हवलदार सियाराम शर्मा, देवेन्द्र करैया, बृह्मदत्त शर्मा, संतोष बौहरे, अनिल कुमार शर्मा, अजय कुमार शर्मा, बड़े करैया, शुभम शर्मा गोलू सहित अनेक ग्रामीणजन मौजूद रहे।