मुनिश्री ने जैन गोपाचल पर्वत पहुंचकर किए भगवान जिनेन्द्र के दर्शन
ग्वालियर, 15 अप्रैल। दुनिया में पहचान अहंकार से नहीं संस्कार से बनती है, जिसके जीवन में संस्कार होते हैं वह दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना लिया करते हैं। विनयवान व्यक्ति जीवन में बहुत उन्नति प्राप्त करता है। ज्ञान प्राप्त करना सरल है, लेकिन ज्ञान के साथ-साथ विनय होना बहुत कठिन है। ज्ञान अंगूठी है और विनय उसमें चढ़ा हुआ नग है। अदब सीखना है तो कलम से सीखो, जब भी चलती है तो सर झुका कर के चलती है। यह विचार मेडिटेशन गुरु मुनि श्री विहसंत सागर महाराज ने शुक्रवार को फूलबाग स्थित जैन सिद्ध क्षेत्र गोपालचल पर्वत पर संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज भी मौजूद थे।
मुनि श्री विहसंत सागर महाराज ने कहा कि जिसके जीवन में नम्रता, कोमलता एवं गुणग्रहण की दृष्टि हुआ करती है वह अपने जीवन में बहुत आगे उन्नति कर लेता है। विनय के साथ विद्या प्राप्त होती है, धन प्राप्त होता है। वहीं जो व्यक्ति अहंकारी होता है वह भोजन में कंकड़ के समान होता है और जो व्यक्ति विनयवान होता है वह जीरा के समान होता है। कंकड़ से कुरकुरा भी किरकिरा हो जाता है और जीरा डालने से उसमें स्वाद और जायका बढ़ जाता है। इसलिए अपने जीवन में अहंकार को स्थान ना देते हुए विनय गुण ही स्थान दें, क्योंकि विनय के माध्यम से लोग आकर्षित होते हैं।
16 अप्रैल के सुबह छह बजे मुनिश्री विहसंत सागर महाराज व विश्वसूर्य सागर महाराज गोपाचल पर्वत से पद विहार कर उप ग्वालियर लोह मण्डी स्थित लाला गोकुल चन्द्र जैन जैसवाल पंचायती मन्दिर के लिए मंगल प्रवेश होगा। 8:30 बजे से मंगल प्रवचन होंगे।
विरागोदय तीर्थ महामहोत्सव 2023 सभांग बैठक कल
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि परम पूज्य भारत गौरव राष्ट्रसंत गणाचार्य विराग सागर जी महामुनिराज के मंगल आशीर्वाद एवं मेडिसिन गुरु विहसंत सागर मुनिराज के मंगल निर्देशन में 17 अप्रैल को दोपहर दो बजे से नई सड़क स्थित जैन चंपाबाग बगीची में एक अति आवश्यक बैठक विरागोदय तीर्थ महोत्सव समिति एवं निवेदक सकल जैन समाज, ग्वालियर की ओर से दमोह स्थित पथरिया में विरागोदय तीर्थ महोत्सव महाकुंभ 2023 के संदर्भ में आयोजित की जाएगी। यह बैठक में भिण्ड, गोहद, इटावा, मेहगांव, मालनपुर, मैनपुरी सहित ग्वालियर चंबल संभागीय स्तर पर आयोजित की जाएगी।