श्रीराम ने मर्यादा और संस्कार के साथ विनम्रता भी नहीं छोड़ी, तभी मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए : विनय सागर

माधौगंज से दानाओली स्थित दिगंबर जैन खण्डेलवाल नया मन्दिर पहुंचे मुनिश्री
नया मन्दिर समिति व जैन समाज के लोगों ने की आगवानी

ग्वालियर, 25 जून। राम का जीवन चरित्र आदर्श मर्यादा संस्कार का प्रतीक है। राम ने जीवन पर्यंत मर्यादा और संस्कार के साथ विनम्रता को भी नहीं छोड़ा इसीलिए श्रीराम महान मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए थे। श्रीराम भारतीय संस्कृति के संवाहक थे। भारतीय संस्कृति के आधार पर ही अपने जीवन को जिया और संसार को एक आदर्श शिक्षा प्रदान की जो आज भी प्रासंगिक है। यह बात श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज ने शनिवार को दानाओली स्थित श्री दिगंबर जैन खण्डेलवाल नया मन्दिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।


मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि समाज में हम आग लगाने का नहीं आग बुझाने का प्रयास करें। क्योंकि आग लगाने से अपना नुकसान होता है। हनुमान जी की पूंछ में रावण के दरबार में आग लगाने से लंका जलकर खाक हो गई, लेकिन विभीषण का घर इस आग से बचा रहा। हनुमानजी ने उनके घर में आग नही लगाई थी। क्योंकि विभीषण के घर के बाहर श्रीराम लिखा हुआ था। जो श्रीराम, महावीर स्वामी का भक्त हुआ करता है उसका संकट में भी कुछ नहीं बिगड़ता है। राम के नाम की महिमा इतनी थी रामायण काल में राम नाम लिखकर पत्थर तेर गए ओर राम सेतु बन गया था।

हम संस्कारी बनेंगे तो हमारी संताने भी संस्कारवान बनेगी

मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि आज-कल महिलाएं संस्करों पर कम, दिखावे पर ज्यादा ध्यान देती हैं। जबकि संस्कारों के साथ संस्कृति की सुरक्ष साथ होती है। मनुष्य संस्कारो से ही जीवन मे सफलता प्राप्त करता है। हम स्वयं दिखावे से दूर रहे ओर संस्कारवान बने। जब हम संस्कारी बनेंगे तो हमारी संताने भी संस्कारवान बनेगी। सुबह जल्दी उठने साथ योग-प्राणायाम व प्रभु स्मरण करना चाहिए। यह संस्कार बच्चों को भी देंवें, ताकि वे धर्म संस्कृति को समझे ओर उसे आत्मसात करें।

मुनिश्री ने भगवान पाश्र्वनाथ के दर्शन कर की वंदना

समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज ससंघ माधौगंज से पद यात्रा करते हुए दानाओली ग्वालियर स्थित श्री दिगंबर जैन खण्डेलवाल नया मन्दिर पहुंचे। मुनिश्री की अगवानी नया मन्दिर समिति के प्रियंक सोनी, राजेश जैन लाला, देवेन्द्र विपुल जैन, अजय जैन, कमल जैन आदि ने की। मुनिश्री का 2022 पावन चतुर्मास दीनदयाल नगर जैन मन्दिर में होना है। श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज प्रतिदिन ग्वालियर शहर के अलग अलग जैन मन्दिरों में पहुंचकर भगवान जिनेन्द्र के दर्शनों के साथ मन्दिर समितियों को होने वाले भव्य चातुर्मास के लिए धर्म प्रभाव के लिए जुड़ रहे है।

चातुर्मास की तैयारियों के लिए हुई महिलाओं की बैठक

मुनि श्री विनय सागर महाराज के सानिध्य में शनिवार को नई सड़क पर चातुर्मास की तैयारियों को लेकर महिलाओं की बैठक हुई। जिसमें चातुर्मास अलग-अलग तैयारियां, मुनिश्री की आहराचार्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि की व्यवस्था महिलाओं को सौंपी गई।