अटल प्रोग्रेस-वे का रास्ता बदलने से आक्रोशित किसानों ने दिया धरना

भिण्ड, 13 फरवरी। अटल प्रोग्रेस-वे का रास्ता बदलने से अटेर क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। जिसको लेकर किसान संघ के नेतृत्व में सोमवार को लगभग 200 किसानों ने अटेर मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और अनिश्चितकालीन क्रमिक हड़ताल की घोषणा की। जो मंगलवार से प्रतापपुरा में रखा जाएगा।

किसानों का कहना है कि पहले मुरैना से बरही तक 64 किमी का एक्स्प्रेस-वे चंबल के बीहड़ों को विकसित करके बनाया जाना प्रस्तावित था, किसानों की सहमति के साथ प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था, किसानों को विश्वास दिया गया था कि प्रोग्रेस-वे बनने से इस क्षेत्र का विकास होगा। औद्योगिक क्रांति आएगी, बेरोजगारी समाप्त हो जाएगी, डकैतों के नाम से विख्यात चंबल घाटी में विकास की अविरल धारा बहेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार चंबल घाटी के कलंक को मिटाने की वजाय और बढ़ाना चाहती है। प्रोग्रेस-वे का रास्ता बदलकर यह प्रमाणित कर दिया है। बहुत से किसान भूमि हीन हो जाएंगे, लगभग 300 हेक्टेयर से अधिक बहुफसली उपजाऊ जमीन सरकार छुड़ा लेगी। किसानों का कहना है कि हम लोग अटल प्रोग्रेस-वे का विरोध नहीं कर रहे हैं, हमारी माग है कि पूर्व प्रस्तावित चंबल के बीहड़ों से ही रोड निकाली जाए, अगर सरकार जबरदस्ती करेगी तो हम सब मिलकर सामना करेंगे। लेकिन जमीन नहीं जाने देंगे।
धरने में भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नमो नारायण दीक्षित, प्रांत मंत्री कुलदीप भदौरिया, रमेशबाबू चौधरी, लक्ष्मण सिंह नरवरिया, जिलामंत्री बृजेश चौधरी, अटेर ब्लॉक अध्यक्ष शैलेन्द्र भदौरिया, राधेश्याम पुरोहित, रामचंद्र भदौरिया सहित सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।