धारा 370 का भूत सियासत से पर्दे तक

– राकेश अचल


धारा 370 यानि ‘आर्टिकल 370’ अब एक मृत शब्द है। जम्मू-कश्मीर के बूट से जुडी ये धारा यानि आर्टिकल अब सियासत और रजतपट दोनों पर एक साथ उभर रहा है। रजतपट पर ‘आर्टिकल 370’ को देश में कामयाबी मिलती दिखाई दे रही है, लेकिन खाडी के देशों ने ‘आर्टिकल 370’ के प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है। जबकि बेचारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी लगातार खाडी के देशों से गलबहियां बढाने में लगे हैं।
दरअसल ये धारा 370 कांग्रेस को जितनी प्रिय थी उतनी ही भाजपा को भी प्रिय हो गई है। भाजपा की सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान की धारा 370 को हटाने के लिए दशकों तक तैयारी की थी, तब कहीं जाकर पांच साल पहले भाजपा का ये सपना पूरा हो पाया। जम्मू-कश्मीर के लोग भी धारा 370 को धीरे-धीरे भूलने लगे थे, लेकिन अचानक भाजपा ने आगामी लोकसभा के लिए 370 सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर इस धारा 370 के भूत को एक बार फिर जिंदा कर दिया। भाजपा से लगाव रखने वाले रजतपट ने भी लगे हाथ बहती गंगा में हाथ धोने के लिए ‘आर्टिकल 370’ नाम से एक फिल्म बना डाली।
एक मरी हुई धारा से अमरत्व हासिल करने के भाजपा के फार्मूले को कम से कम मैं तो नहीं समझ पाया, लेकिन एक बात साफ हो गई है कि भाजपा को गडे मुर्दे उखाडने में जितना मजा आता है, उतना किसी और राजनीतिक दल को नहीं आता। भाजपा पिछले दस साल से भले ही बहुमत के साथ सत्ता में है, किन्तु उसके सिर से न पं. जवाहरलाल नेहरू का भूत उतरा और न इन्दिरा गांधी का। राजीव गांधी का भूत उतरा न राहुल गांधी का। कांग्रेस का भूत तो उतरने का सवाल ही नहीं। अब भाजपा के सिर पर धारा 370 का भूत सवार हो गया है। भाजपा इस 370 के आंकडे को लगता है अपने लिए शुभ मानती है और इसीलिए लोकसभा में अपने गठबंधन के लिए 400 किन्तु अपने लिए 370 सीटें हासिल करना चाहती है।
भाजपा की देखादेखी सिनेमा बनाने वाली यामी गौतम भी कहां मानने वाली थी। वे भी इस आंकडे को विवेक अग्निहोत्री की तरह ‘दि कश्मीर फाइल’ की तर्ज पर ‘आर्टिकल 370’ बनाकर भुना लेना चाहती थी, सो उन्होंने भी आनन-फानन में फिल्म बनाकर रिलीज भी कर दी। समय भी सही चुना। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ये फिल्म रिलीज हुई है ताकि देश को एक बार भाजपा द्वारा धारा 370 के साथ भाजपा सरकार द्वारा किए गए पुरुषार्थ की याद दिलाई जा सके और जेबें भरी जा सकें। इसमें कोई बुराई भी नहीं है। सियासत का पिछलग्गू बनने से नुक्सान कम ही होता है। विवेक अग्निहोत्री इसका उदाहरण है। बंदे ने ‘दि कश्मीर फाइल’ बनाकर जमकर कमाई की थी। किन्तु यामी गौतम का भाग्य विवेक अग्निहोत्री के भाग्य जैसा नहीं है।
यामी गौतम की फिल्म आर्टिकल 370 दो दिन पहने यानी शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म रिलीज के तीसरे दिन रविवार को यामी और उनके प्रशंसकों के लिए परेशान करने वाली खबर सामने आई। इस फिल्म को खाडी देशों में रिलीज करने से इंकार कर दिया। यामी गौतम की फिल्म ‘आर्टिकल 370’ से पहले ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण की एक्शन-थ्रिलर फिल्म ‘फाइटर’ को भी खाडी देशों में बैन कर दिया था। मैंने तो ये फिल्म देखी नहीं है किंतु इसके बारे में पढा जरूर है। ये फिल्म कश्मीर घाटी के हालात को बयां करती नजर आ रही है। इतना ही नहीं ‘आर्टिकल 370’ को हटाने में किस तरह के प्रयास और जटिलताएं सामने आईं इसकी एक झलक भी देखने को मिल रही है। ऐसे में खाडी देशों में फिल्म ‘आर्टिकल 370’ को बैन करना कहीं न कहीं हिन्दी सिनेमा के लिए बडा झटका है।
फिल्मों को बैन करने से कोई बात नहीं बनती। मैं हमेशा से फिल्मों को ही नहीं बल्कि अभिव्यक्ति के किसी भी माध्यम को प्रतिबंधित करने के खिलाफ रहा हूं। इसलिए खाडी देशों के इस प्रयास की निंदा करता हूं, लेकिन मेरी ये बात समझ में नहीं आ रही है कि खाडी के देश ऐसा क्यों कर रहे हैं, जबकि हमारे प्रधानमंत्री खाडी के देशों से लगातार अपने यानि भारत के रिश्ते सुधरने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। आपको याद दिला दूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में खाडी देशों की अपनी यात्रा पूरी की। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी कि ये 13वीं यात्रा थी। उनके हालिया दौरों ने इस क्षेत्र के साथ संबंधों को और मजबूत किया है।
खाडी देशों में लगभग नौ मिलियन यानी 90 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं। इनमें सबसे ज्यादा 34.3 लाख भारतीय यूएई में, उसके बाद 25.9 लाख सऊदी अरब में, 10.3 लाख कुवैत, 7.8 लाख ओमान, 7.5 लाख कतर और 3.3 लाख भारतीय बहरीन में रहते हैं। खाडी देशों में भारतीय प्रवासियों की विशाल तादाद का मोदी जी को राजनीतिक फायदा भी मिलता है। विदेश में रहने वाले भारतीय हर साल भारत में जितना पैसा रेमिटेंस के तौर पर भेजते हैं, उनका तकरीबन आधा तो सिर्फ जीसीसी के देशों से आता है।
बहरहाल अब देखना ये है कि लोकसभा चुनाव में 370 का ये आंकडा मोदी जी के लिए शुभ साबित होता है या नहीं, क्योंकि मोदी जी के इस आंकडे से खफा देश का विपक्ष हाल के दिनों में अप्रत्याशित रूप से एकजुट हुआ है। सब मिलकर मोदीजी को इस जादुई आंकडे से दूर रखना चाहते हैं। यामी गौतम को तो आर्टिकल 370 करोडपति बना देगा, लेकिन भाजपा और मोदी जी को इसका कितना लाभ दिला पाएगा कहना संभव नहीं है। हो सकता है कि भाजपा के लिए ये धारा छप्पर फाडकर समर्थन दे दे और ये भी हो सकता है कि भाजपा का छप्पर पलट भी दे। आखिर धारा तो धारा है। लगती है तो भी असर दिखाती है और हटती है तो भी असर दिखाती है। हम और आप तो केवल दर्शक हैं।