सौम्य स्वरूप और अनुग्रह के देवता हैं भगवान भोलेनाथ : रामभूषण दास महाराज

सौम्य स्वरूप और अनुग्रह के देवता हैं भगवान भोलेनाथ रामभूषण दास महाराज

भिण्ड 07जून:- भगवान शंकर अनुग्रह के देवता हैं, सौम्य स्वरूप है परंतु दुष्ट सदाचार का त्याग कर अधर्म पथ पर आकर भक्तों को पीडि़त करते हैं, तब भगवान भोलेनाथ उग्र रूप धारण कर उनका संहार कर देते हैं। यह उद्गार अटेर जनपद के ग्राम चौकी (धरई) स्थित सिद्ध पुरुष ताल का मंदिर परिसर में चल रही नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण की कथा के आठवे दिन प्रवचन करते हुए श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर रामभूषण दास महाराज (खनेता धाम) ने व्यक्त किए। महामण्डलेश्वर रामभूषण दास महाराज ने कहा कि शिवपुराण के अनुसार दैत्य तारकासुर के तीन पुत्र थे- तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली। जब भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया तो उसके पुत्रों को बहुत दु:ख हुआ। उन्होंने देवताओं से बदला लेने के लिए घोर तपस्या कर ब्रह्माजी को प्रसन्न कर लिया। ब्रह्मा जी से वरदान पाकर दैत्यों ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। इन दैत्यों से घबराकर इंद्र आदि सभी देवता भगवान शंकर की शरण में गए। जब भगवान शिव त्रिपुरों का नाश करने के लिए चले तो दैत्यों में हाहाकर मच गया। दैत्यों व देवताओं में भयंकर युद्ध छिड़ गया। जैसे ही त्रिपुर एक सीध में आए, भगवान शिव ने दिव्य बाण चलाकर उनका नाश कर दिया। त्रिपुरों का नाश होते ही सभी देवता भगवान शिव की जय-जयकार करने लगे। त्रिपुरों का अंत करने के लिए ही भगवान शिव को त्रिपुरारी भी कहते हैं। कथा आयोजक ओंकारनाथ ओमप्रकाश कांकर हैं। कथा का समय दिन में 12 बजे से शाम पांच बजे तक है। कथा का समापन नौ जून रविवार को पूर्णाहुति एवं भण्डारे के साथ होगा। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रोतागणों ने शिव महापुराण की कथा का श्रवण किया।