जगत उद्धार के लिए भोलेनाथ ने अनेक अवतार धारण किए : रामभूषण दास महाराज

जगत उद्धार के लिए भोलेनाथ ने अनेक अवतार धारण किए : रामभूषण दास महाराज
भिण्ड 08जून:- भगवान भोलेनाथ ने जगत का उद्धार करने के लिए अनेकानेक अवतार धारण किए। यह उद्गार अटेर जनपद के ग्राम चौकी (धरई) स्थित सिद्ध पुरुष ताल के मंदिर परिसर में चल रही नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण की कथा के नौवे दिन प्रवचन करते हुए श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर रामभूषण दास महाराज (खनेता धाम) ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि नंदी के रूप में भी भगवान शिव एक ऋषि के पुत्र बनकर आए और दुर्वासा, अश्वत्थामा एवं हनुमान के रूप में भी शिवजी स्वयं रुद्रावतार के रूप में अवतरित हुए। हनुमान के रूप में अवतरित होकर भगवान भोलेनाथ ने अपने आराध्य श्रीराम का कार्य किया और आज भी पृथ्वी पर राम नाम का प्रचार कर रहे हैं। महामण्डलेश्वर रामभूषण दास महाराज ने शिवरात्रि के महत्मय की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि हिन्दू धर्म में शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है। फागुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। शिव महापुराण के अनुसार इस दिन शिव एवं पार्वती का विवाह सम्पन्न हुआ था। इस दिन शिव मंदिरों में उत्सव का माहौल रहता है और श्रद्धालु महाशिवरात्रि का व्रत भी रखते हैं। उन्होंने कहा कि पुराणों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन व्रत रखने और शिव-गौरी का विधिवत पूजन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। एक अन्य कथा के अनुसार उन्होंने बताया कि इसी चतुर्दशी तिथि को शिविलिंग के रूप में भगवान शिव प्रकट हुए थे, इसलिए हर साल भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग रूम में प्रकाट्य पर्व के रूप में शिवरात्रि मनाई जाती है। कथा आयोजक ओंकारनाथ ओमप्रकाश कांकर हैं। कथा का समापन आज नौ जून रविवार को पूर्णाहुति एवं भण्डारे के साथ होगा।
                      द्वादश ज्योतिर्लिंग
महाराज ने कथा में द्वादश ज्योतिर्लिंगों का वर्णन करते हुए बताया कि सौराष्ट्र गुजरात में सोमनाथ, शैल पर्वत आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन, उज्जैन मध्यप्रदेश में महाकालेश्वर, खण्डवा मध्यप्रदेश में ओमकारेश्वर, उत्तराखण्ड में केदारनाथ, महाराष्ट्र में भीमाशंकर, वाराणसी उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ, महाराष्ट्र में त्रयंंबकेश्वर, दारुकावन गुजरात में नागेश्वर, देवघर झारखण्ड में बैजनाथजी, तमिलनाडु में रामेश्वरम एवं महाराष्ट्र में घृष्णेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग हैं।