भीमाशंकर महादेव मन्दिर को लेकर गोहद एसडीएम ने ली बैठक

भिण्ड, 16 सितम्बर। भीमाशंकर महादेव मंदिर, गोहद किला परिसर में अवैध, अपमानजनक एवं षड्यंत्रकारी गतिविधियां संचालित किए जाने की शिकायतों एवं ज्ञापन के आधार पर कार्यालय जनपद सभागार गोहद में उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) राजन बी. नाड़िया, एसडीओपी महेन्द्र गौतम, थाना प्रभारी मनीष धाकड़, तहसीलदार विश्राम शाक्य, क्षेत्रीय पटवारीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक का उद्देश्य गोहद किले के भीतर स्थित तथाकथित भीमाशंकर महादेव मन्दिर एवं उससे संबंधित विवादित प्रकरण का परीक्षण करना तथा प्राप्त शिकायतों पर प्रभावी निर्णय लेना था। बैठक से पूर्व पुरातत्व विभाग मप्र उत्तरी क्षेत्र ग्वालियर की एक विशेष टीम द्वारा 15 सितंबर को गोहद किला परिसर का स्थल निरीक्षण किया गया। इस टीम में तकनीकी सलाहकार आरबी शाक्य, उपयंत्री राघवेन्द्र तिवारी, प्रभारी संग्रहाध्यक्ष धुबेला जिला छतरपुर सुल्तान सिंह अनंत शामिल थे। टीम ने स्थल निरीक्षण कर अपना लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
प्रतिवेदन में निष्कर्ष निकलकर आया कि गोहद किला परिसर में स्थित तथाकथित भीमाशंकर महादेव मन्दिर पुरातत्व विभाग की संरक्षित स्मारक सूची में सम्मिलित नहीं है। उक्त मन्दिर का निर्माण स्थानीय निवासियों द्वारा असंगत एवं अनधिकृत रूप से किया गया है और इसका स्वरूप प्राचीन स्मारक अथवा अभिलेखीय महत्व का नहीं है। किले के मुख्य द्वार पर स्थानीय व्यक्तियों द्वारा अनधिकृत कब्जा, तालाबंदी एवं अस्वीकृत निर्माण कार्य किए जाने की पुष्टि हुई है। समिति की यह भी टिप्पणी रही कि मंदिर का स्वरूप ऐतिहासिक दृष्टि से मान्यता प्राप्त नहीं है तथा यह एक सामान्य धार्मिक निर्माण है जिसे स्थानीय लोगों ने पूजा-अर्चना हेतु विकसित किया है। पुरातत्व विभाग के प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने के पश्चात बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। उपस्थित सभी अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने यह माना कि किले का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है तथा यहां पर किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि, अपमानजनक कृत्य अथवा अनाधिकृत निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एसडीओपी पुलिस महेन्द्र गौतम ने बैठक में आश्वासन दिया कि भीमाशंकर महादेव मन्दिर सहित पूरे किले परिसर पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए थाना गोहद द्वारा नियमित पुलिस गश्त लगाई जाएगी। यदि कोई भी व्यक्ति किले अथवा मन्दिर परिसर में अवैध कृत्य अथवा अपमानजनक गतिविधि करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। थाना प्रभारी मनीष धाकड़ ने कहा कि थाना स्तर पर अलग से गश्ती दल बनाकर समय-समय पर किले परिसर की सुरक्षा एवं निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। तहसीलदार विश्राम शाक्य ने जानकारी दी कि राजस्व विभाग द्वारा किले परिसर की सीमा एवं भूमि अभिलेखों का परीक्षण किया जाएगा ताकि अनाधिकृत कब्जों एवं निर्माण कार्यों की पहचान की जा सके और उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सके। पत्रकारों एवं जनप्रतिनिधियों ने भी यह मत रखा कि गोहद किला नगर की ऐतिहासिक धरोहर है और इसकी सुरक्षा एवं संरक्षण में सभी नागरिकों का सहयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए कि पुरातत्व विभाग द्वारा गोहद किला परिसर में तत्काल प्रभाव से एक सुरक्षा गार्ड पदस्थ किया जाएगा, ताकि परिसर की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित हो सके। किले की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे और उनकी निगरानी नियमित रूप से की जाएगी। एसडीओपी एवं थाना प्रभारी गोहद द्वारा पुलिस गश्त लगाई जाएगी। पुलिस दल समय-समय पर किले परिसर में जाकर स्थिति की समीक्षा करेगा तथा अवैध गतिविधियों पर तत्काल कार्यवाही करेगा। किले की सीमा एवं भूमि अभिलेखों की तहसीलदार एवं पटवारीगण द्वारा जांच की जाएगी ताकि अनाधिकृत निर्माण कार्य एवं कब्जों की पहचान कर विधिसम्मत कार्रवाई की जा सके। स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों से भी अपेक्षा की गई कि वे किले की सुरक्षा एवं संरक्षण में प्रशासन का सहयोग करेंगे। यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि तथाकथित भीमाशंकर महादेव मन्दिर पुरातत्व विभाग का संरक्षित स्मारक नहीं है तथा इसे अभिलेखीय मान्यता प्राप्त नहीं है। अत: इससे संबंधित विवाद एवं अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस स्तर से की जाएगी।
इस प्रकार, पुरातत्व विभाग के प्रतिवेदन, पुलिस विभाग के आश्वासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गोहद किला परिसर की सुरक्षा, निगरानी एवं संरक्षण हेतु समन्वित प्रयास किए जाएंगे। अवैध कब्जों एवं अपमानजनक कृत्यों पर तत्काल रोक लगाते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।