सायबर क्राइम विंग ने फ्रॉड के मामले में दस आरोपियों को लखनऊ से किया गिरफ्तार

– ढाई करोड की ऑनलाइन ठगी करने वाले नौ आरोपी पूर्व हो चुके हैं गिरफ्तार

ग्वालियर, 16 मई। सायबर क्राइम विंग ग्वालियर ने रामकृष्ण मिशन के सचिव के साथ ढाई करोड की ऑनलाइन ठगी करने वाले 10 आरोपियों को पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 15 मोबाइल, एक लेपटॉप, बैंक पासबुक व चेक बुक जब्त किए हैं। इस प्रकरण में पुलिस द्वारा नौ आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। पकडे गए आरोपियों अपने नाम पर बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्तियों को सेविंग अकाउंट पर 30 हजार रुपए व करंट अकाउंट पर एक लाख रुपए देते थे।
जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पूर्व रामकृष्ण मिशन के सचिव महाराज स्वामी स्वप्रदीप्तानंद के साथ डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ढाई करोड रुपए की ठगी की गई थी। उक्त प्रकरण में सायबर क्राइम विंग ग्वालियर ने कार्रवाई करते हुए पूर्व में अलग-अलग राज्यों से 9 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। उक्त ठगी को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने एएसपी श्रीकृष्ण लालचंदानी को क्राइम ब्रांच ग्वालियर की सायबर क्राइम विंग से उक्त सायबर फ्रॉड में सम्मलित सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें पकडने हेतु निर्देशित किया।
डीएसपी अपराध नागेन्द्र सिंह सिकरवार के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच निरीक्षक अमित शर्मा द्वारा सायबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक धर्मेन्द्र कुशवाह के नेतृत्व में सायबर क्राइम विंग की टीम को उक्त सायबर फ्रॉड में सम्मलित आरोपियों की पतारसी कर उन्हे पकडने हेतु लगाया गया। दौराने विवेचना पुलिस टीम को ज्ञात हुआ कि फरियादी को डरा धमका कर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 30 लाख रुपए रुद्राक्ष एंटरप्राइज में स्थानातंरित कराए गए हैं। जिस पर से साइबर क्राइम की एक टीम को उक्त फर्म की जानकारी के लिए लखनऊ रवाना किया गया। पुलिस टीम जब लखनऊ पहुंची तो ज्ञात हुआ कि उक्त फर्म बंद हो चुकी है। जिस पते पर फर्म रजिस्टर्ड थी अब वहां कोई फर्म नहीं है। पुलिस टीम द्वारा तकनीकी जानकारी एकत्रित कर बैंक के रिकवरी एजेंट बनकर अलग-अलग जगहों पर दो टीमें डिवाइड की गई जिसमें से एक टीम निरीक्षक धर्मेन्द्र कुशवाह व दूसरी टीम उपनिरीक्षक हरेन्द्र सिंह राजपूत के नेतृत्व में लगाया गया। दोनों टीमों ने तीन दिनों तक उक्त फर्म के प्रॉपराइटर को तलाश किया। तलाशी के दौरान पुलिस टीमों द्वारा प्रॉपराइटर को लुखनऊ से अभिरक्षा में लिया गया। उक्त प्रॉपराइटर ने पूछताछ में अपना बैंक खाता एक लाख रुपए में लखनऊ निवासी एक व्यक्ति को बेचना बताया। उक्त प्रॉपराइटर की निशादेही पर बैंक खाता खरीदने वाले लखनऊ निवासी व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। पकडे गए लखनऊ निवासी व्यक्ति की निशादेही पर पुलिस टीम द्वारा उसके अन्य साथियों को हिरासत में लेकर ग्वालियर लाया गया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह व्हाट्सऐप पर एक व्यक्ति को खाता बेचने व फ्रॉड की राशि निकालकर उसे यूएसडीटी में कन्वर्ट करके देश से बाहर भेजने का कार्य करते हैं। पुलिस टीम ने पकडे गए आरोपियों के पास से फर्जी बैंक खाता को ऑपरेट करने वाले मोबाइल सहित कुल 15 मोबाइल, एक लेपटॉप, बैंक पासबुक व चेक बुक ज़ब्त की गई है। उक्त प्रकरण में अभी तक कुल 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पकडे गए आरोपियों से पूछताछ में ज्ञात हुआ है कि वह ऐसे लोगों को तलाश करते थे जो फर्जी बैंक खाता अपने नाम पर खुलवा कर उनको दे सके। इसके लिए आरोपी बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्तियों को सेविंग अकाउंट पर 30 हजार रुपए व करंट अकाउंट पर एक लाख रुपए देते थे। पकडे गए सभी आरोपियों द्वारा कई लोगों के बैंक खातों का उपयोग साइबर फ्रॉड में किया जा चुका है। पुलिस टीम द्वारा उक्त आरोपियों को न्यायालय में पेश कर उक्त प्रकरण में विस्तृत पूछताछ हेतु पीआर लिया जाएगा।
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच निरीक्षक अमित शर्मा, सायबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह, निरीक्षक रामबिहारी शर्मा, उपनिरीक्षक हरेन्द्र सिंह राजपूत, धर्मेन्द्र शर्मा, रवि लोधी, कीर्ति अजमेरिया, रजनी रघुवंशी, प्रधान आरक्षक सुनील शर्मा, सतेन्द्र राजावत, सुरेन्द्र तोमर, आरक्षक ओमशंकर सोनी, गौरव भदौरिया, सुमित भदौरिया, शिवशंकर शर्मा, श्यामू मिश्रा, अनुराग यादव, नवीन पराशर, आकाश पाण्डे, सुनीता कुशवाह, मेघा श्रीवास्तव, साधना मिश्रा की सराहनीय भूमिका रही।