पड़ोसी के हाथ काट कर हत्या का प्रयास करने वाले चार आरोपियों को आजीवन कारावास

रायसेन, 17 सितम्बर। अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती सुरेखा मिश्रा तहसील गौहरगंज, जिला रायसेन के न्यायालय ने मामूली विवाद पर पड़ोसी के हाथ काट कर हत्या का प्रयास करने वाले आरोपीगण सत्तूलाल उर्फ छत्तूलाल पुत्र घासीलाल यादव उम्र 57 वर्ष, राहुल यादव पुत्र सत्तूलाल उम्र 21 वर्ष, शकुलबाई पत्नी सत्तूलाल उम्र 47 वर्ष निवासीगण ग्राम पीपलवाली, थाना सुल्तानपुर, जिला रायसेन, सुखराम उर्फ सुक्कू पुत्र बालराम लोधी उम्र 26 वर्ष निवासी रानीपुरा बाडी, थाना बाडी, जिला रायसेन को धारा 342, 307, 34 भादवि में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में राज्य की ओर से पूर्व अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार तिवारी एवं वर्तमान अपर लोक अभियोजक बृजेश चौहान तहसील गौहरगंज जिला रायसेन ने पैरवी की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 31 अगस्त 2018 को रात 9:30 बजे ग्राम पीपलवाली में झगड़ा होने की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और घायल कल्लू उर्फ प्रेमनारायण को शासकीय अस्पताल बाडी लेकर गई और फरियादी/ घायल की रिपोर्ट देहाती नालसी लेखबद्ध की गई। फरियादी द्वारा इस आशय की रिपोर्ट लिखाई गई कि वह ग्राम पीपलवाली में रहता है, मेहनत मजदूरी करता है। आज को शाम सात बजे गांव के सत्तूलाल यादव से गाय के संबंध में पूछने पर कहासुनी हो गई थी, तब गुड्डू यादव द्वारा बीच-बचाव किया गया, फिर वह अपने खेत में मक्का की फसल देखनें जा रहा था और जब वह सत्तूलाल के घर के सामने पहुंचा तो उसे अकेला देखकर सत्तूलाल, राहुल, शकुनबाई ने आकर पकड़ लिया और गंदी-गंदी गालिया देनें लगे, कहने लगे कि इसे निपटा दो और तीनों उसे घसीटते हुए घर के खुले आंगन में ले गए तथा तीनों ने मिलकर रस्सी से उसके हाथ-पैर बांध दिए तभी सुक्कू लोधी राजीपुरा वाला व राजपाल आ गए और बोले की तलवार लाओ आज इसके दोनों हाथ-पैर काट देते हैं, फिर शकुन बाई तलवार लेकर आई और सत्तू व राजपाल ने उसे पकड़ लिया और शकुन बाई ने जान से मारने की नियत से दोनों हाथ पर तलवार से वार किया, जिससे खून निकलने लगा तथा एक तलवार बांए बखा में लगी। डंडा से सुक्को लोधी ने सिर में मारा तथा राजपाल ने डंडा से पैर में मारा। उक्त घटना रिपोर्ट के आधार पर थाना सुल्तानपुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर अपराध पंजीबद्ध किया जाकर मामला अनुसंधान में लिया गया। पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर आरोपीगण को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। अभियोजन पक्ष द्वारा की गई पैरवी के दौरान राज्य की ओर से प्रस्तुत साक्षीगण के कथनों और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर विद्वान न्यायालय ने आरोपीगण के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को संदेह से परे प्रमाणित पाते हुए आजीवन कारावास का दण्डादेश सुनाया है।