योगी फिर मुसलमानों के पीछे हाथ धोकर पड़े

– राकेश अचल


योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को अशांत करने में कोई कसर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। वे प्रदेश को संविधान के तहत चलाने के बजाय हिन्दू कट्टरता के साथ आगे ले जाना चाहते हैं। जिन लोगों ने पिछले दिनों योगी सरकार को देवबंद में तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के लिए लाल कालीन बिछाकर स्वागत करते देखा था, वे भ्रम में थे कि योगी का बर्ताव मुसलमानों को लेकर बदल गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में हलाला प्रमाणीकरण की बात कहकर उत्तर प्रदेश के मुस्लिम कारोबारियों को परेशान करना शुरू कर दिया है। योगी के हलाल सर्टिफिकेशन पर दिए बयान के बाद सियासी पारा फिर से उबलने लगा है। समाजवादी पार्टी और कई मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इस मुद्दे पर तल्ख प्रतिक्रिया दी है।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुख्यमंत्री योगी के बयान पर कहा कि हलाल सर्टिफिकेट देने का सिलसिला शरीयत की रौशनी में सरासर गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि मजहब की आड़ में पैसा कमाया जा रहा है। मौलाना रजवी ने यह भी कहा कि वह योगी की इस बात से सहमत नहीं हैं कि यह पैसा आतंकवाद के लिए खर्च किया जा रहा है।
इस मसले पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को समय निकालकर के इस देश का इतिहास पढ़ना चाहिए। इस देश को बनाने में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबका खून-पसीना लगा है। सुनील सिंह ने कहा कि योगी इस्लामी राजनीति की बात कर रहे हैं। वे धर्म को सबसे पहले आगे ले आते हैं, तो बताइये भगवान राम के नाम पर चंदा किसने चोरी किया? भगवान राम की जमीन पर घोटाला किसने किया? आज धर्म के नाम पर दलित और पिछड़ों का आरक्षण कौन छीन रहा है? कौन उनका हक खा रहा है?
आपको बता दूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, और अब कोई भी संस्था हलाल सर्टिफिकेट लगाकर अपने उत्पाद नहीं बेच पाएगी। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि सामान खरीदते समय यह जरूर देखें कि कहीं उस पर हलाल सर्टिफिकेशन तो नहीं लिखा है। उन्होंने चेतावनी दी कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर भारत के ग्राहकों का शोषण किया जा रहा है और इस पूरे कारोबार का पैसा आतंकवाद, लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे षड्यंत्रों में इस्तेमाल होता है।
योगी का दावा है कि देश में लगभग 25 हजार करोड़ रुपए का यह कारोबार भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। योगी ने साफ कहा कि जीएसटी दें, लेकिन हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर एक फूटी कौड़ी भी न दें, क्योंकि यह पैसा सीधे आपके खिलाफ इस्तेमाल होगा। यूपी सरकार ने ऐसे शोषण करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के हलाल सर्टिफिकेशन लेबल वाले बयान पर विहिप  के विनोद बंसल भी हलालनॉमिक्स देश की इकॉनमी पर बहुत बड़ा बोझ बता रहे है।
योगी देश के मुस्लिम समाज को भारतीय नागरिक शायद मानते ही नहीं हैं। आपको याद होगा कि योगी ने ही गत वर्ष महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय मुस्लमानों के खिलाफ बंटोगे तो कटोगे का जहरीला नारा दिया था, जिसे बाद में संघ और भाजपा ने भी अपना लिया था। योगी के मुस्लिम विरोधी रवैये का असर बिहार विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। बिहार में कोई 17 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं।