दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास

नाबालिग बालिका को भगाकर ले जाने व दुष्कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा अर्थदण्ड से किया गया दंडित। 

रायसेन 18मार्च:-  न्यायलय अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश, गौहरगंज, जिला रायसेन द्वारा आरोपी रमेश कोरकू, आयु 30 वर्ष निवासी ग्राम जावरा मलखान, थाना नूरगंज, जिला रायसेन को दोषी पाते हुए आरोपी को धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा 3000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

इस मामले में मध्य प्रदेश राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री अनिल कुमार तिवारी, तहसील गौहरगंज जिला रायसेन ने पैरवी की।

घटना का संक्षिप्त विवरण 

दिनांक 12/12/2020 को थाना नूरगंज, जिला रायसेन (म.प्र.) में अभियोक्त्री के पिता द्वारा अपनी अवयस्क पुत्री अभियोक्त्री के गुम हो जाने की इस आशय की सूचना दी गई कि दिनांक 07/12/2020 को वह अपनी पत्नी के साथ मक्सी गया था, दिनांक 08/12/2020 को सुबह फोन पर सूचना मिली कि उसकी लड़की अभियोक्त्री घर पर नहीं है, वह और उसकी पत्नी, घर वापस आये, देखा कि उसकी लड़की अभियोक्त्री घर पर नहीं थी, उसने आस पड़ोस एवं सभी रिश्तेदारों से पता किया, कहीं पर कोई पता नहीं चला, कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी लड़की अभियोक्त्री उम्र 15 साल, को बहला फुसलाकर भगा ले गया है। अभियोक्त्री के पिता की उक्त‍ सूचना पर थाना नूरगंज में गुम इंसान की सूचना लेख की गयी एवं अपराध धारा 363 भादसं. की परिधि में आने से अपराध क्रमांक 101/2020 पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गयी।

अनुसंधान के दौरान दिनांक 29/01/2021 को अभियोक्त्री को दस्त याब किया गया, अभियोक्त्री से पूछताछ कर उसके कथन लेखबद्ध किये गये, जिसमें उसके द्वारा बताया गया कि अभियुक्त रमेश कोरकू को 02 साल से जानती है, रमेश, जावेद चच्चा के खेत पर उसके पापा के साथ काम करता था, पिछले महीने क 07 तारीख को पापा-मम्मी, चाचा के घर मक्सी गये थे, रात के करीब 09 बजे रमेश उसके घर पर आया और उसे अपने साथ ले गया, वह उसे मण्डीदीप रेल्वे स्टेशन से रायपुर, रायपुर से छत्तीसगढ़ ले गया, जहां पर ग्राम पडरडीही में एक टपरिया में वे दोनों रहने लगे और मेहनत मजदूरी करने लगे, उन दोनों ने मंदिर से शादी कर ली थी और उन दोनों के बीच 2-3 बार संबंध बने हैं।

अनुसंधान पूर्ण कर पुलिस ने अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया । न्यायालय में सुनवायी के दौरान डीएनए और आयु संबंधी साक्ष्य से अभियुक्त को संदेह से परे मामला प्रमाणित पाते हुए सिद्धदोष पाया गया।शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने पक्ष रखते हुए मामले को संदेह से परे प्रमाणित कराया। फलस्वरूप न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए दंडित किए जाने का आदेश सुनाया।