भिण्ड, 01 मार्च। भोनपुरा गांव में आगामी पांच मार्च तक श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें शुक्रवार को कथा वाचक पं. किशोर चंद रामायण बीकानेर वालों के मुखारविंद से कथा कही गई। इस दौरान सीता स्वयंवर की कथा का सुंदर चित्रण किया गया।
व्यासजी ने कहा कि दस हजार राजाओं ने सीता स्वयंवर के लिए रखे गए शिव धनुष को एक साथ मिलकर नहीं तोड पाया, जिस पर जनकजी ने कुछ तीखे वचन कहे, उन वचनों को सुनकर लक्ष्मण ने क्रोध दिखाया और बोले कि भईया राम के होते हुए आपने कैसे कह दिया कि पृथ्वी वीरों से खाली है। लक्ष्मण को क्रोधित होते देख गुरूजी ने कहा कि हे राम आप खडे होकर सभी का संशय दूर करो और धनुष को तोडो। गुरू के वचन सुनकर कर रामजी ने धनुष को तोड दिया, जिस पर सीताजी वरमाला डालने के लिए आईं तो रामजी की ऊंचाई अधिक होने से सीता वरमाला नहीं डाल सकीं, जिसको लेकर सखियों ने आग्रह करते हुए रामजी से कहा कि तनिक झुक जाओ रघुराई किशोरी मेरी छोटी है। जब रामजी नहीं झुके तब लक्ष्मण ने अपनी सूझबूझ से रामजी के चरणों में जैसे ही प्रणाम करने के लिए झुके तो रामजी ने लक्ष्मण को उठाया तभी सीताजी ने वरमाला उनके गले में डाल दी। श्रीराम कथा में मप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर, पूर्व विधायक संजीव सिंह कुशवाहा सहित कई वरिष्ठ नेता पहुंचे।