भाजपा की नई सरकार ने बता दिया कि उसकी प्राथमिकता क्या है : माकपा

भिण्ड, 21 दिसम्बर। प्रदेश की भाजपा की नवनिर्वाचित मोहन यादव सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी प्राथमिकताओं में प्रदेश की जनता की बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं, बल्कि भावनात्मक सवालों के आधार पर बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाना और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करना है।
माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव ओमप्रकाश बाथम एवं सीटू जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शर्मा ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री लाउड स्पीकरों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और मांस मछली व अण्डों की बिक्री पर कार्रवाई कर एक खास समुदाय के खिलाफ वातावरण बनबा रहे हैं, तब प्रदेश की जनता की समस्याएं और विकराल हो गई हैं। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के साथ ही मण्डियों में किसानों की फसल के दाम गिर गए हैं। किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करना और लूट को रोकना भाजपा सरकार की प्राथमिकता में नहीं है, न ही खाद की कालाबाजारी रोकने को लेकर सरकार चिंतित है। सरकार के गठन के साथ ही बिजली कंपनियों ने प्रदेश के 70 लाख उपभोक्ताओं से बिजली के 4015 करोड के फर्जी बिल वसूलने की शुरुआत कर दी है। जब सरकार और मुख्यमंत्री की ओर से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने और सदभाव को बिगाडने की कोशिशें हो रही हैं, तब अपंजीकृत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मृत्यु पर दी जाने वाली अंत्येष्टि राशि और अनुदान राशि पर रोक लगा दी है।
माकपा नेता ने कहा कि नई सरकार के पांव पालने में ही दिख गए हैं। इस सरकार ने 38 विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया है। इसमे मेधावी छात्र छात्राओं को मिलने वाले लैपटॉप और छात्रवृत्ति भी शामिल है। सरकार ने उभरती युवा प्रतिभाओं के खेल प्रशिक्षण और स्कॉलरशिप पर भी रोक लगा दी है। बंद होने वाली योजनाओं में ग्रामीण विकास की योजनाएं तो हैं ही, इसके साथ ही जिन लाडली बहना योजना को भाजपा जीत में बडी वजह माना जा रहा है, अब सरकार ने आंगनवाडी भवनों के निर्माण पर भी रोक लगा दी है। माकपा ने कहा कि सरकार के इन कदमों से उसकी मंशा जाहिर हो गई है, वह एक ओर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करेगी, दूसरी ओर जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर जनता पर और बोझ डालेगी। आने वाले दिनों में इन दोनों ही चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट संघर्ष करने होंगे।