सारी धरती को कागज बना लिया जाए तो भी गुरू की महिमा का गाना नहीं गाया जा सकता : पाण्डे

24 कुण्डीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ हुए दीक्षा एवं पुंसवन संस्कार

भिण्ड, 20 दिसम्बर। 24 कुण्डीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ के अंतिम दिवस पर 51 दीक्षा संस्कार, 51 पुंसवन संस्कार वैदिक मंत्र से संपन्न कराए गए। कार्यक्रम का संचालन मनोज गुप्ता ने किया।
इस अवसर पर टोली नायक संजय पाण्डे ने गुरू की महिमा का ज्ञान बताते हुए कहा कि यदि समुद्र की स्याही और वनों की लकडिय़ों को कलम एवं सारी धरती को कागज बना लिया जाए तो भी गुरू की महिमा का गाना नहीं गाया जा सकता। उन्होंने गायत्री मंत्र का बखान करते हुए बताया कि यह अनादि मंत्र है, पारस है, कल्पवृक्ष है, सावित्री ने भी गायत्री महामंत्र का जप करके अपने पति के प्राणों को यमराज से छुटकारा दिलाया था। पूज्य गुरुदेव ने गायत्री महामंत्र को सभी जाति और वर्गों को खुलकर भाता है, विश्वामित्र जी द्वारा लिखित गायत्री महामंत्र गुरुदेव ने सभी को सुलभ कराया। यह सद्बुद्धि का मंत्र है।

कार्यक्रम में हजारों धर्म प्रेमी भाई बहनों ने यज्ञ भाग लेकर आहुतियां समर्पित कीं एवं सहयोगी कार्यकर्ता बहनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूरा पंडाल गायत्रीमय था, ऐसा लग रहा था कि जैसे कलयुग में सतयुग का अवतरण हो गया है, पूरे पण्डाल में गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करके आहुतियां दी गई। गायत्री परिवार के सभी भाई-बहन पीले कपड़ों में नजर आए। जिसमें चंद्रकांता भदौरिया, प्रतिभा सिकरवार, उमा, सुपर्णा, ब्रजलता, गुड्डी गहलोत, सुशीला, कमलेश, रक्षा, अन्य बहनों सहित गायत्री प्रज्ञा पीठ के प्रमुख ट्रस्टी बच्चू सिंह, सत्येन्द्र सिंह बॉस, राधेश्याम शर्मा, देवेन्द्र सिंह, प्रकाश, शिवराज, रामप्रकाश आदि ने कार्यक्रम में मुख्य रूप से योगदान दिया।