दो नाबालिग बालिकाओं से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास, एक आरोपी दोषमुक्त

सागर, 19 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिका बालिकाओं से दुष्कर्म करने वाले आरोपी हरिकेश अहिरवार थाना बहेरिया को दोषी करार देते हुए धारा-376(1) भादंवि, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 3, सहपठित धारा 4 में दोषसिद्ध पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है एवं एक अन्य आरोपी को दोषमुक्त किया है। उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धमेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का विवरण संक्षेप में इस प्रकार है कि 20 नवंबर 2019 को अभियोक्त्री ‘ए’ आयु 15 वर्ष व अभियोक्त्री ‘बी’ आयु 13 वर्ष के पिता ने थाना सानौधा में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 12 नवंबर 2019 की रात करीब आठ बजे से अभियोक्त्रियों के घर पर नहीं मिलने से तलाश किए जाने पर कोई पता नहीं चलने पर गांव के बस हेल्पर द्वारा यह बताए जाने कि सुबह 9:30 बजे अभियोक्त्रियों को बस से घर से मकरोनिया चौराहा छोड़ा था। जिनको कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर भगा कर ले गया है, उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सानौधा जिला सागर पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 363, 366, 376(2)(द), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(स), सहपठित धारा 6, 16/17 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने उक्त फैंसला सुनाया है।