दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

सागर, 19 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती जिला सागर ज्योति मिश्रा की अदालत ने दुष्कर्म करने वाले आरोपी संतोष उर्फ राहुल तिवारी निवासी थाना अंतर्गत मोतीनगर, जिला सागर को दोषी करार देते हुए धारा 376(2)(आई) भादंवि, 3(2)(अ) एससी/एसटी एक्ट में दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। उक्त मामले में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का विवरण संक्षेप में इस प्रकार है कि 14 मई 2017 को अभियोक्त्री की मां ने थाना बीना, जिला सागर में रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी लड़की अभियोक्त्री अपने मामा के यहां रहकर पढ़ती थी। 13 मई को वह अपने भाई के यहां सागर आई थी और अपनी लड़की अभियोक्त्री को अपने साथ लेकर गई थी। 14 मई को 10:30 बजे उसकी लड़की बोली कि उसे कान की बाली लेना है, तब अभियोक्त्री बाली लेने बाजार गई, काफी देर तक वापस नहीं आई, तब उसने आस-पास तलाश किया, जो नहीं मिली। फिर उसने अपने पति को बताया, जिसे आस-पास तलाश किया एवं रिश्तेदारी में पूंछा, जिसका कोई पता नहीं चला। तत्पश्चात अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसे बहला फुसलाकर भगा ले जाने की रिपोर्ट की। 18 फरवरी 2018 को बालिका के दस्तयाब होने पर उसके कथन लिए गए। जिसने अपने कथनों में अभियुक्त संतोष उर्फ राहुल तिवारी द्वारा शादी का कहकर बहला फुसलाकर जबरन ले जाने और उज्जैन में झुग्गी में करीब सात-आठ माह तक रखे रहना तथा उसकी मर्जी के बिना जबरन बलात्कार करना बताया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना बीना जिला सागर पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 363, 366, 376(2)(प), 376(2)(द), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(स), सहपठित धारा 6 एवं अजा/अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(प), 3(2)(अ) तथा 3(2)(अ) का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।