बहुचर्चित बिलाबोंग स्कूल बस में बच्चियों के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी पति-पत्नी हुए दोषसिद्ध

दण्ड के प्रश्न पर न्यायालय सोमवार को करेगी सुनवाई, स्कूल प्रशासन के विरुद्ध अलग से पंजीबद्ध हुआ मामला
अभियोजन ने 14 दिन में 32 साक्षियों के न्यायालयीन कथन कराए
पुलिस ने मात्र 20 दिन में विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था अभियोग पत्र

भोपाल, 10 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो भोपाल सुश्री शैलेजा गुप्ता के न्यायालय ने बहुचर्चित बिलाबोंग स्कूल बस में बच्चियों के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपीगण हनुमत पुत्र सुरेश जाटव उम्र 32 वर्ष निवासी शाहपुरा भोपाल एवं आरोपिया उर्मिला साहू पत्नी रमेश साहू उम्र 40 वर्ष निवासी कोलार भोपाल को धारा 376(एबी), 376(2)एन भादंवि व 5एफएलएम/6 पॉक्सो एक्ट में एवं आरोपिया उर्मिला साहू को धारा सहपठित धारा 109 तथा 16/17 भादंवि में दोषसिद्ध किया है।
जनसंपर्क अधिकारी भोपाल संभाग मनोज त्रिपाठी ने बताया कि दण्ड के प्रश्न पर सुनवाई हेतु प्रकरण 12 दिसंबर 2022 को आहुत किया गया है। उक्त प्रकरण में अभियोजन संचालन हेतु कलेक्टर भोपाल द्वारा विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मनीषा पटेल को नामांकित किया गया था। उन्होंने उक्त गंभीर प्रकरण अत्यंत सजकता एवं जागरुकता पूर्वक मात्र 14 कार्य दिवस में 32 साक्षियों के कथन पूर्ण कराए तथा सशक्त अंतिम तर्क परिस्थितिजन्य साक्ष्य के संबंध में प्रस्तुत किया था जिससे सहमत होते हुए विशेष न्यायालय ने आरोपीगण को दोषसिद्ध किया है।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री के माता-पिता ने महिला थाना भोपाल में उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखवाई कि आठ सितंबर 2022 शुक्रवार दोपहर करीब 1:30 से 1:45 बजे को जब उनकी साढ़े तीन वर्ष की बच्ची स्कूल से घर वापस आई तब उसका स्कूल यूनिफार्म बदला हुआ था, बच्ची की मां ने जब उससे पूछा कि आपका ड्रेस किसने बदला है, तो बच्ची ने बताया कि उसका स्कूल यूनिफाम बस वाले अंकल ने बदला है। बच्ची की मां ने उसका स्कूल यूनिफार्म जब बैग में चेक किया तो यूनिफार्म ना ही गंदा था ना ही गीला था। बच्ची का स्कूल यूनिफार्म बिना किसी कारण बस स्कूल ड्राइवर द्वारा बदले जाने की शंका पर बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से बात की और उनको घटना के बारे में बताया तब बच्ची की क्लास टीचर ने माता-पिता को बताया कि बच्ची स्कूल से छुट्टी होने के बाद स्कूल यूनिफार्म से ही घर के लिए बस से निकली थी, माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से बस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की मांग की, तब स्कूल प्रशासन ने माता-पिता को आवश्सन दिया कि वे लोग उन्हें एक-दो दिन में बस का फुटेज उपलब्ध करा देंगे और शाम को जब बच्ची के पिताजी ने अपनी बेटी से प्यार से पूछा कि बेटा आपको कोई परेशान करता है, तब बच्ची ने अपने पापा से कहा कि हां बस वाले अंकल मुझे परेशान करते हैं और वह बेड हैं। वो मुझे बेड टच करते हैं, बच्ची ने अपने पापा को यह भी बताया कि बस अंकल उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके प्राईवेट पार्ट को बहुत बार छूते थे और उसके प्राईवेट पार्ट पर फिंगरिंग करते थे, जिससे उसे दर्द होता था, तब बस आंटी उर्मिला दीदी उसे गोद में उठा लेती थीं और उसे चुप करा देती थीं और बस अंकल उसे टॉफी भी देते थे और उसका गला पकड़कर एवं बाल खीचकर उसे डराते हुए कहते थे कि यह बात किसी को बताई तो तुम्हें मारूंगा। अगले दिन शनिवार को बच्ची को लेने के लिए संबंधित बस में आरोपी बस चालक तथा आरोपी महिला केयर टेकर पुन: सुबह लेने के लिए बच्ची के घर के पास बस स्टॉप पर पहुंचे, परंतु बच्ची के माता-पिता ने अपनी बच्ची को स्कूल नहीं भेजा और दोनों स्कूल प्रशासन से मिलकर आरोपी बस ड्राईवर हनुमत तथा महिला केयर टेकर उर्मिला साहू द्वारा कारित घटना की संपूर्ण जानकारी थी, तब प्रशासन ने लीपा-पोती कर बिना वीडियो फुटेज दिए स्कूल से वापस कर दिया। सोमवार को पुन: वही आरोपीगण दूसरी बस में दो अन्य व्यक्तियों के साथ बच्ची को लेने उसके घर पहुंचे, तब बच्ची के माता-पिता ने उसको स्कूल भेजने से इंकार कर दिया तथा पुलिस कमश्निर ऑफिस में जाकर घटना की जानकारी दी थी। प्रकरण में विवेचना के दौरान अन्य बच्ची के माता-पिता ने भी ये बताया कि आरोपी हनुमत ने उनकी बेटी के साथ कई बार गलत काम और अश्लील हरकत की। दूसरी पीडि़त बच्ची तथा उसके माता-पिता के बयान विटनेस प्रोटेशन एक्ट के तहत न्यायालय में कथन पूर्ण कराए गए थे। पुलिस कमश्निर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की तथा एसआईटी टीम के प्रमुख त्रुतकीर्ति के निर्देशन पर एसीपी निधि सक्सेना एवं महिला थाना प्रभारी अंजना धुर्वे ने 20 दिनों के अंदर मामले में विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था।