नाबालिगा से दुष्कर्म करने वाले दो आरोपियों 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास

शाजापुर, 09 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर की अदालत ने नाबालिगा के साथ जबरदस्ती शादी कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी मोहनलाल पुत्र शभूलाल राठौर उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम सरेडी, थाना खामखेडा, जिला झालवाड़ा, राजस्थान को धारा 368 भादंवि में दोषी पाते हुए तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(3) भादंवि में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, पाक्सो एक्ट की धारा 5(जे)(आईआई)/6 में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, आरोपी कृपाल सिंह पुत्र मांगीलाल सोंधिया उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम देहरीपाल थाना मोहन बड़ोदिया जिला शाजापुर को धारा 363, 366(क) भादंवि में तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, पाक्सो एक्ट की धारा 17 सहपठित धारा 5(जे)(आईआई)/6 में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
जिला मीडिया प्रभारी/ एडीपीओ शाजापुर सचिन रायकवार के हवाले से प्रकरण की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक/ एडीपीओ शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पीडि़ता के पिता ने आठ अप्रैल 2018 को अपनी पत्नी के साथ थाना मोहन बड़ोदिया में सूचना दी कि उनकी लड़की ससुराल जाने का कहकर घर से कही चली गई है और ससुराल नहीं पहुंची, आस-पास तलाश करने पर नहीं मिली। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध धारा 363 में अपराध पंजीबद्ध किया। पीडि़ता को आरोपी मोहनलाल के कब्जे से दस्तयाब कर कथन लेखबद्ध किए गए, जिसमें पीडि़ता ने कथन में बताया है कि आरोपी कृपाल उसे बहला-फुसलाकर आगर ले गया और एक खेत में बनी टापरी में अकेला छोड़कर वापस आ गया। उसके बाद जबरदस्ती पीडि़ता की शादी मोहन लाल से करवा दी। आरोपी मोहनलाल ने पीडि़ता के साथ कई बार दुष्कर्म किया, जिसके परिणाम स्वपरूप पीडि़ता गर्भवती हो गई थी, जिसके पश्चात बच्चा भी हो गया। थाना मोहन बड़ोदिया पुलिस ने संपूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपियों को उपरोक्तानुसार दण्डित किया है।