बच्चे देश का भविष्य, उनके अधिकारों का संरक्षण जरूरी

विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक जागरुकता शिविर आयोजित

भिण्ड, 20 सितम्बर। प्रधान न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला न्यायालय भिण्ड के आदेशानुसार तथा जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिविसेप्रा भिण्ड सुनील दण्डौतिया के मार्गदर्शन में 14-20 सितंबर तक हिन्दी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत हिन्दी की महत्ता के प्रति विद्यार्थियों को जागरुक करने तथा उन्हें संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों के निर्वहन के लिए प्रेरित करने के साथ ही उन्हें लैंगिक अपराधों के बारे में जागरुक करने हेतु भिण्ड जिले में स्थित विद्यालयों में विधिक जागरुकता कार्यक्रम, भारतीय महापुरुषों पर आधारित निबंध प्रतियोगिता, व्याख्यान आदि का आयोजन निरंतर किया जा रहा है।
इसी अनुक्रम में न्यू संजय गांधी स्कूल भिण्ड में विधिक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपर जिला न्यायाधीश तरुण सिंह ने मुख्य रूप से उपस्थित होकर विद्यार्थियों को लैंगिक अपराधों से संबंधित कानूनों जैसे पॉक्सो अधिनियम 2012, भारतीय दण्ड सहिता 1860 में वर्णित लैंगिक अपराधों से संबंधित प्रावधानों तथा संविधान में छात्र एवं छात्राओं के अधिकारों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा भारत के संविधान तथा उसके प्रावधानों के अंतर्गत निर्मित विशेष कानूनों के अंदर संरक्षित है। यदि कोई बच्चा जिसके साथ किसी प्रकार का लैंगिक अपराध हुआ है परंतु उसके अभिभावक अपराधी के विरुद्ध शिकायत दर्ज नहीं करा रहे, ऐसा बच्चा पॉक्सो कोर्ट (बाल न्यायालय) में उपस्थित होकर अपनी शिकायत स्वयं दर्ज करा सकता है। ऐसे बच्चे की पहचान गुप्त रखी जाएगी तथा इसके साथ ही उस बच्चे को नि:शुल्क विधिक सहायता योजना के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे कि उस बच्चे को सम्मान पूर्वक उचित न्याय मिल सके।
इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी जिविसेप्रा भिण्ड सौरभ कुमार दुबे ने विद्यार्थियों को नि:शुल्क विधिक सहायता योजना, संवैधानिक अधिकारों तथा हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज हिन्दी भाषा का उपयोग ना सिर्फ सामान्य बोलचाल बल्कि भारत सरकार तथा कई राज्य सरकारों द्वारा अपने आधिकारिक कार्यों में वृहद रूप से किया जा रहा है, जो कि वर्तमान में हिन्दी की महत्ता को दर्शाता है। इसलिए आप सभी भाषाओं का बरावर सम्मान करते हुए अपनी मातृ भाषा में अपना वैयक्तिक एवं राष्ट्रीय विकास के लिए निरंतर प्रयास करें। इस अवसर पर प्रधानाचार्य यदुवीर सिंह चौहान, पीएलवी बृजेन्द्र कुमार, सुमित यादव, श्रीकृष्ण सिंह तथा शिक्षकगण उपस्थित रहे।