– अच्छे संस्कारों से ही बुराइयों दो दूर किया जा सकता है : डॉ. सक्सेना
– भाविप शाखा भिण्ड के सात दिवसीय बाल संस्कार शिविर का हुआ समापन
भिण्ड, 08 मई। बच्चों का बाल मन एक उर्वरा भूमि के समान है, जिस पर बोए गए बीज का असर उनके जीवन पर होता है। भारत विकास परिषद का यह बाल संस्कार शिविर बच्चों की ऊर्जा को विश्व मानवता की और बीजारोपण कर रहा है। मानवता के दीप को जलाए रखने के लिए उनमें संस्कारों का होना जरूरी है। संस्कारों द्वारा ही मानवता सुरक्षित रहती है। बच्चे ही देश व समाज का निर्माण करते है। यह बात शिक्षाविद आरएन तिवारी ने भारत विकास परिषद शाखा भिण्ड द्वारा मां निरजना देवी मन्दिर परिसर 17 बटालियन, इटावा रोड पर चलाए जा रहे सात दिवसीय बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भारत माता एवं विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आरएन तिवारी, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विनोद सक्सेना, शाखा अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा, सचिव राजमणि शर्मा, कोषाध्यक्ष रेखा भदौरिया, शिविर संयोजक रेखा शुक्ला मंचासीन रहे। इस दौरान अनिल शर्मा, कमलेश सेंथिया, डॉ. साकार तिवारी, रामबाबू चौधरी, सीमा शाक्य, डॉ. तोषेन्द्र मिश्रा उपस्थित रहे।
प्रारंभ में शाखा अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत विकास परिषद एक सेवा एवं संस्कार, उन्मुख गैर राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक स्वयंसेवी संस्था है जो मानव जीवन के सभी क्षेत्रों संस्कृति, समाज, शिक्षा, नीति, अध्यात्म, राष्ट्र प्रेम में भारत के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित है। संस्कार के अंतर्गत चल रहे सात दिवसीय बाल संस्कार शिविर के बारे में कहा कि बच्चों के लिए प्रतिदिन सुबह 6 से 9 बजे तक शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में योगए व्यायामए मंत्र उच्चारण श्लोकए राष्ट्रभक्ति गीत, प्रेरक कहानियां, बौद्धिक खेल, शारीरिक खेल, श्रम अभ्यास वर्ग, संस्कार वर्ग, निबंध लेखन, ड्रॉइंग, रंगोली सहित विभिन्न विषयों पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। शिविर में प्रबुद्धजनों द्वारा बच्चों को मार्गदर्शित किया गया। शिविर में 70 बच्चों ने भागीदारी की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. विनोद सक्सेना ने शिविर की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के शिविर लगाने से बच्चों में कला गुणों को प्रोत्साहन और उनके सर्वांगीण विकास के साथ बच्चों के ज्ञान, कौशल, नैतिक मूल्यों का विकास करना, शारीरिक रूप से सक्रिय, रचनात्मकता को बढावा मिलता है। बच्चों ने सीखी गई गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया एवं उन्हें शिविर में उपस्थित समस्त बच्चों को पारितोषिक और प्रमाण पत्र वितरित किए गए। संचालन सचिव राजमणि शर्मा एवं आभार रेखा भदौरिया ने व्यक्त किया। शिविर बच्चों की विदाई बेहद भावपूर्ण रही। अंत में राष्ट्रीय गान के साथ शिविर का समापन हुआ।