पेशाब कांड को झूठा बताकर सवर्ण समाज ने बुलाई महापंचायत, जाटव समाज से दूरी बनाने की ली शपथ

सुरपुरा थाने में दर्ज एससी-एसटी एक्ट के मामले को बताया षड्यंत्र, सवर्ण समाज ने थाना घेरा

भिण्ड, 23 अक्टूबर। अटेर क्षेत्र के सुरपुरा थाना में विगत दिनों पूर्व दलित युवक द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को झूठा बताते हुए सवर्ण समाज भी मैदान में उतर आया है। सुरपुरा में सवर्ण समाज ने इस एफआईआर के विरोध में गुरुवार को सुरपुरा थाने का धेराव किया, साथ ही महापंचायत बुलाकर दलित समाज से दूरी बनाकर खेती किसानी से लेकर पशुपालन व लेनदेन आदि कार्य न कराने की शपथ ली।
सवर्ण समाज की इस महापंचायत में कहा गया कि दलित समाज के द्वारा हमारे लड़कों पर झूठी एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं। यह लोग एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग कर सामाजिक सौहार्द और भाईचारे को बिगाड़ रहे हैं। इसलिए यह महापंचायत बुलाकर इनसे दूरी बनाने की शपथ ली गई है। महापंचायत में कहा गया कि किसी आपराधिक मामले में कानूनी कार्रवाई पुलिस करती है लेकिन किसी वर्ग से आरोपियों का जुड़ा होना यह सिद्ध नहीं करता कि पूरा समाज इसका जिम्मेदार है। जिसके बाद भी दलित वर्ग ने इस मामले में थाने पर सार्वजनिक रूप से सवर्ण समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पड़ी व आपत्तिजनक नारेवाजी की। इसलिए इनसे दूरी बनाना ही एक मात्र विकल्प रह गया है।

ज्ञात हो दीपावली की रात दलित युवक ने अपने साथ मारपीट और पेशाब पिलाने का आरोप लगाकर सवर्ण समाज के तीन युवाओं के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था। जिसमें पेशाब पिलाने का आरोप झूठा बताकर सवर्ण समाज इसकी जांच की मांग कर रहा है। इस मामले में सवर्ण समाज एकजुट हो गया है। गांव में आयोजित महापंचायत में सवर्ण समाज के लोगों ने जाटव समाज का बहिष्कार करने की घोषणा की और शपथ लेकर सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक संबंध खत्म करने का निर्णय लिया। सुरपुरा गांव में गुरुवार को सवर्ण समाज की महापंचाय में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। पंचायत में लोगों ने कहा कि इनसे किसी भी प्रकार का लेनदेन, खेती-बटाई या सामाजिक उठना-बैठना नहीं रखेंगे।
महापंचायत में शपथ दिलाई गई कि सवर्ण समाज के लोग न तो उनके खेतों में काम करेंगे और न ही किसी तरह की आर्थिक मदद या व्यवहार रखेंगे। पंचायत में कहा गया कि अब तक सवर्ण समाज, जाटव समाज की हर जरूरत में सहयोग करता आया है। जरूरतमंदों को आर्थिक मदद दी जाती थी, गरीब परिवारों की बेटियों की शादियों में सहयोग दिया जाता था, और खेती-बाड़ी में भी सहारा प्रदान किया जाता था। लेकिन हाल ही में जिस तरह झूठे मामलों में सवर्ण समाज के लोगों को फंसाया जा रहा है, उससे अब दूरी बनाना ही उचित होगा।