– राकेश अचल
मोअजिज कौन है इस मुंबई में
जुबां हर मौन है इस मुंबई में
सभी परिचय, अपरिचय एक से हैं
सिसकती पौन है इस मुंबई में
यहां घर हैं, मगर लगते हैं दडबे
मुहल्ले जोन हैं इस मुंबई में
समंदर है यहां दुख बांटने को
अजब सी टोन है इस मुंबई में
सुबह से शाम, भागमभाग, तौबा
सहारा फोन है इस मुंबई में
धरम के नाम पर धंधे अनेको
नया इस्कोन है इस मुंबई में
सऊदी सा, कतर सा, एक हिस्सा
उरई-जालौन है, इस मुंबई में
कोई जीता नहीं, मरता नहीं है
सभी का ‘क्लोन’ है इस मुंबई में