न्यायालय ने आरोपियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया
सागर, 05 अप्रैल। विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने घर से गांजे का विक्रय करने वाले आरोपीगण रामकुमार श्रीवास्तव, वैभव श्रीवास्तव एवं भगतराम तिवारी को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा-8, सहपठित धारा- 20(इ)(2)(ब) के तहत 10-10 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक-एक लाख रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना केंट में पदस्थ उपनिरीक्षक को सात जनवरी 2023 को मुखबिर ने थान में उपस्थित होकर सूचना दी कि फौजी धाम ग्राम बरारू, थाना केंट, जिला सागर के परिक्षेत्र में रामकुमार श्रीवास्तव अपने घर में बड़ी मात्रा में गांजा क्रय-विक्रय हेतु रखा है। मुखबिर की सूचना का पंचनामा तैयार कर सर्च वारंट प्राप्त करने हेतु आरक्षक को रवाना किया एवं अन्य वैधानिक कार्रवाई किए जाने के उपरांत शासकीय वाहन से हमराह स्टाफ के साथ मुखबिर के बताए स्थान फौजी धाम ग्राम बरारू में रामकुमार श्रीवास्तव के घर पहुंचे तो वहां पर देखा कि तीन व्यक्ति प्लास्टिक की पन्नियों में कुछ भर रहे थे, जिन्हें मुखबिर की सूचना से अवगत कराया गया और तब मौके पर उपस्थित तीनों आरोपीगण रामकुमार श्रीवास्तव, वैभव श्रीवास्तव एवं भगतराम के मकान की तलाशी ली गई, जिसमें प्लास्टिक की विभिन्न रंग की पन्नियों में मादक पदार्थ गांजा जैसा भरा होना पाया गया। तीनों व्यक्तियों से मय गांजा के अभिरक्षा में लेकर उनसे नाम पता पूछा गया, जिन्होंने अपना नाम रामकुमार पुत्र बारेलाल, वैभव पुत्र रामकुमार निवासी राजीव गांधी पार्क के पीछे, पटेल बगीचा एवं तीसरे ने भगतराम निवासी वेयर हाउस थाना गोपालगंज का रहना बताया। प्लास्टिक की पन्नियों में 150 पैकेट गांजा जैसा भरा मिला, जिसको पैकेट से बाहर निकालकर समरस कर स्वयं के द्वारा एवं हमराही स्टाफ साक्षीगण को गांजा जलाकर सुंघाकर, देखकर, छूकर परीक्षण करने पर गांजा होना पाया गया। तराजू बांट पंचनामा के उपरांत मादक पदार्थ गांजा को अलग-अलग आठ प्लास्टिक की बोरियों में भरकर तौल किया गया जो आठों बोरियों में कुल 150 किलोग्राम मादक पदार्थ जिसका मूल्य लगभग नौ लाख रुपए अनुमानित पाया गया। उक्त आधार पर थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना केंट पुलिस ने धारा-8, सहपठित धारा 20(इ)(2)(ठ), 20(इ)(2)(ब) एनडीपीएस एक्ट का अपराध आरोपियों के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा 21 अभियोजन साक्षियों का न्यायालय में परीक्षण कराया गया एवं 82 दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया। अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।