भिण्ड, 09 अगस्त। शहर जिला कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष डॉ. राधेश्याम शर्मा के नेतृत्व में भारत छोडो आंदोलन अगस्त क्रांति दिवस और विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज के उत्थान के लिए काम करने वाले समाजसेवी दर्शनलाल गौड और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष तेजसिंह कोरकू,12वीं परीक्षा में टॉपर संयोगिता कोरकू, आदिवासी पौधारोपण समिति के अध्यक्ष गौरव कोरकू, सितंबर सिंह, मोहन सिंह कोरकू, स्वरूपचंद कोरकू, वीरू कोरकू सहित सात लोगों का माल्यार्पण कर शॉल श्रीफल देकर सम्मान किया कार्यक्रम का आयोजन आदिवासी सिंगल बस्ती नं. दो स्कूल के पास किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. राधेश्याम शर्मा ने अंग्रेजों भारत छोडो आंदोलन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत छोडो आंदोलन, द्वितीय विश्व युद्ध के समय 9 अगस्त 1942 को आरंभ किया गया था। यह एक आंदोलन था, जिसका लक्ष्य भारत से ब्रिटिश साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई अधिवेशन में शुरू किया गया था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विश्व विख्यात काकोरी काण्ड के ठीक 17 साल बाद 9 अगस्त सन 1942 को गांधीजी के आह्वान पर समूचे देश में एक साथ आरंभ हुआ। यह भारत को तुरंत आजाद करने के लिए अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था।
उन्होंने विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों के बारे में बताया कि आदिवासी शब्द दो शब्दों आदि और वासी से मिल कर बना है। आदि का मतलब आरंभ से और वासी का मतलब रहने वाला अर्थात आदिवासी का मतलब मूलवासी होता है। अंतर्राष्ट्रीय दिवस आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिवर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है।
इस अवसर पर संतोष त्रिपाठी ने कहा कि हमारे देश की आजादी की लडाई में आदिवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है। बिरसा मुंडा, तिलक मांझी जैसे अनेक आदिवासियों ने अपना योगदान दिया। आदिवासियों के वजह से ही हमारे हरे भरे पेड औषधियां वातावरण सुरक्षित हैं। इस अवसर पर आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष रामकुमार माझी, प्रमोद दीक्षित, सुखप्रीत मिश्रा, संजय यादव, गोविन्द राजावत, गुलशन कोरकू, विरज कोरकू, संजीव कुमार मांझी, मनोज कुमार मंगल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।