आलमपुर में गौशाला में भूख से तडप कर प्राण त्यागने को मजबूर गौवंश

भिण्ड, 09 अगस्त। शासन-प्रशासन ने गांव और शहरों में गौशाला का निर्माण इसलिए कराया है। ताकि सडकों और गली मोहल्ला में आवारा रूप से विचरण करने वाली गाये एवं गौवंश गौशाला में पहुंचकर सुकून से रह सकें। लेकिन भिण्ड जिले के आलमपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम भांपर में सरकारी गौशाला के अंदर बंद गायें एवं गौवंश की बहुत बुरी हालत है। ग्राम भांपर में गौशाला के अंदर बंद गायें एवं गौवंश की न तो देख-रेख की जा रही है और न ही उन्हें खाने के लिए भोजन (चारा) दिया जा रहा है। गौशाला के अंदर बंद बेजुबान गाए एवं बछडे भूख से तडप कर प्राण त्यागने के लिए मजबूर है।
बताया गया है कि ग्राम भांपर में स्थित सरकारी गौशाला के अंदर पिछले कुछ दिनों से आधा सैकडा से अधिक गायें एवं बछडे बंद हैं। लेकिन गौशाला के अंदर बंद गायें एवं बछडों को न तो किसी के द्वारा भोजन (चारा) दिया जा रहा है और न ही गौशाला में बन्द गाये बछडों की देख-रेख की जा रही है। गौशाला में बंद गायें एवं बछडे भूख से तडप कर प्राण त्यागने लिए मजबूर हैं। इस समय बरसात का मौसम चल रहा है। बारिश होने पर गायें एवं बछडे खुले में ही खडे रहते हैं। बारिश के कारण गौशाला के अंदर कीचड हो गया है और दलदल जैसी स्थिति बनी हुई है। ऐसे में गायें एवं बछडों को कीचड में ही बैठना पड रहा हैं। भांपर गौशाला में बंद गायें एवं बछडों की हालत इतनी बुरी है कि उनकी दुर्दशा देखकर लोगों की आंखों में आंसू छलक आते हैं। मगर गौशाला में गायें एवं बछडों को रखकर उनकी देख-रेख की जिम्मेदारी लेने वाले लोगों का दिल नहीं पसीज रहा है।