वनखण्डेश्वर मन्दिर का वियतनाम से आए सफेद पत्थर से होगा कायाकल्प

विधायक संजीव सिंह ने रखी आधारशिला

भिण्ड, 25 मार्च। जिले के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक वनखण्डेश्वर महादेव मन्दिर का जीर्णोद्धार होने जा रहा है, जिसकी आधारशिला विधायक संजीव सिंह कुशवाह संजू ने शनिवार को रखी। विधायक ने जीर्णोद्धार कार्य से पूर्व बाबा वनखण्डेश्वर महाराज की पूजा अर्चना एवं अभिषेक किया।
विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि वन खण्डेश्वर मन्दिर की ऐसी मान्यता है कि दो अखण्ड ज्योति प्रज्ज्वलित होने वाला यह इकलौता मन्दिर है। 11वीं सदी के प्राचीन वन खण्डेश्वर मन्दिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने कराया था। वर्तमान में मन्दिर का मूल शिखर ढक गया है। शासन द्वारा जो पहले चरण की राशि मिली है, उससे राजस्थान के कारीगरों द्वारा एवं वियतनाम से आए सफेद पत्थर से मन्दिर का जल्द भव्य कायाकल्प होगा। मन्दिर में एक करोड़ से अधिक की लागत आएगी, लेकिन पहले चरण के कायाकल्प का कार्य 40 लाख रुपए की लागत से प्रारंभ होगा।
इस अवसर पर विधायक संजीव सिंह के अलावा चिलोंगा महाराज, कुण्डेश्वर मन्दिर के महंत मौनी बाबा, वन खण्डेश्वर मन्दिर के पुजारी एवं विधायक प्रतिनिधि सुनील बाल्मीक, जिला पंचायत सदस्य नीतू यादव, पार्षद अमित सोनी, सुनील कांकर, मनोज जैन, यश जैन, मनोज अर्गल, मनीष पुरोहित, किशन सोनी, रामौतार गोयल, सौरभ राजावत सहित शहरवासी मौजूद रहे।
बता दें कि राज्य शासन द्वारा स्वीकृत प्रथम किश्त की राशि 40 लाख से मन्दिर का कायाकल्प कर भव्य अलौकिक स्वरूप दिया जाएगा। जैसे-जैसे किश्तोंं की राशि स्वीकृत होती जाएगी। मन्दिर में कायाकल्प का कार्य चलता जाएगा। तैयार करवाई गई डिजाइन के मुताबिक मन्दिर का सामने का भाग स्टोन से बनाया जाएगा। मन्दिर में राम मन्दिर और दक्षिण के मन्दिरों की झलक नजर आएगी। मन्दिर में मुख्य शिखर के अलावा बीच में दो छोटे शिखर होंगे। प्रवेश द्वार पर एक शिखर बनाया जाएगा। इसमें आगे की दीवार, कालम, शिखर, छज्जा, मूर्तियां, गुम्मद, छोटा शिखर स्टोन से बनाया जाएगा। मन्दिर के मुख्य हिस्से की मेन दीवार, कालम, शिखर, मूर्ति स्टोन से बनाई जाएगी।
पृथ्वीराज चौहान द्वितीय ने करवाया मन्दिर निर्माण
राजा पृथ्वीराज चौहान द्वितीय ने 11वीं शताब्दी में भिण्ड में पड़ाव डाला था। पृथ्वीराज चौहान शिव भक्त थे, उन्होंने मिट्टी खुदवाकर निगरानी चौकी किले का निर्माण कराया था। मिट्टी खुदवाई के दौरान गौरी सरोवर का निर्माण कराया। सरोवर के पास खुदवाई में स्वयंभू शिवलिंग मिली तो यहां वनखण्डेश्वर महादेव मन्दिर का निर्माण कराया। इस मन्दिर में 900 वर्ष से ही शुद्ध घी से अखण्ड ज्योति प्रज्जवलित हो रही है।