महावीर स्वामी ने इस जगत को संस्कार और सम्मान के शब्दों से अलंकृत किया : विनय सागर

मुनि श्री विनय सागर महाराज के सानिध्यम मनाई वीर शासन जयंती

ग्वालियर, 15 जुलाई। आज ही के दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की दिव्य देशना हुई थी। उनका धर्म मानववादी नहीं, प्राणीवादी है। महावीर स्वामी ने इस जगत को संस्कार और सम्मान के शब्दों से अलकृत किया है। उनकी दिव्य वाणी ही ह, जिसकी बदौलत संस्कारों को सम्मान और पूजनीय स्थान मिलता है। यह विचार श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज ने शुक्रवार को साधनमय वर्षयोग समिति व पुलक मंच परिवार ग्वालियर की ओर से वीर शासन जयंती पर माधवगंज स्थित चतुर्मास सभागार में धर्मसभा में व्यक्त किए।

मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि भगवान महावीर का धर्म मजबूरी का नहीं मजबूती का है। जो धर्म को मजबूरी में पालन करता है, वो मजदूर बनता है। जो धर्म को मजबूती से पालन करता है, वह आगे चलकर महावीर बनता है। हम महावीर को तो मानते हैं पर उनकी नहीं मानते है। उनके सिद्धांतों को जीवन में अपनाकर ही हम अपना कल्याण कर सकते हैं। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य को जीवन में अपनाएं। महावीर ने केवल जैन जाति को नहीं जातिवादी को नहीं अपितु सर्वधर्म को उपदेश दिया।

वीर शासन जयंती के दिन भक्त और मुनि दोनों भगवान से जुड़ते हैं

मुनि श्री विनय सागर ने कहा कि आज के युग में यदि मानव भगवान महावीर स्वामी के संदेशों को, आदर्शों को अपने आचरण में उतार ले तो वह विश्व व्यापी बन सकता है। हम आज भगवान महावीर स्वामी को नहीं देख पा रहे हैं, लेकिन उनके शमचर्याधारी दिगंबर मुनिराजों के दर्शन कर रहे हैं, यह अनेक शुभ कर्मों का ही फल है।

इन्होंने किया दीप प्रज्वलित कर धर्मसभा का शुभारंभ

समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि मुनि श्री विनय सागर महाराज के सानिध्य में वीर शासन जयंती धर्मसभा का शुभारंभ भगवान महावीर स्वामी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित सोहनलाल जी, मनोज कुमार जैन कॉलेज परिवार ने किया। जैन समाज के लोगों ने दीपकों से भगवान महावीर स्वामी एवं मुनिश्री की संगीतमय भक्तिभाव के साथ नृत्य करते हुए महाआरती की। इस मौके पर समिति के चक्रेश जैन, मनोज जैन कॉलेज, वीरेन्द्र जैन, जितेन्द्र जैन, भरत जैन, नरेन्द्र जैन, संगीत जैन आदि मौजूद थे।

आचार्यश्री पुलक सागर के चातुर्मास में सम्मिलित होने के लिए जत्था रवाना हुआ

ग्वालियर पुलक जन मंच गुरुभक्त परिवार का एक जत्था आज शुक्रवार को ग्वालियर से औरंगाबाद में चातुर्मास कर रहे राष्ट्रसंत भारत गौरव आचार्य श्री पुलक सागर महाराज ससंघ का 17 जुलाई को चातुर्मास कलश स्थापना समारोह में सम्मिलित होने के लिए रेल्वे स्टेशन से पुलक मंच परिवार के अध्यक्ष चक्रेश जैन रेडीमेड, सचिव अजय जैन बेट्ररी मुरार, अशोक जैन पोली, राजेश जैन लाला, राजू जैन, ज्योतिचार्य हुकुमचंद जैन, सुरेन्द्र चंद जैन, नरेन्द्र जैन सोनू, शीतल जैन एवं सीमा जैन, रजनी जैन, विद्या जैन, चंद्रकांता जैन आदि गुरुभक्तों ने जयकारों के साथ ट्रेन से रवाना हुए।