नम आंखों से दी अपने लाल को अंतिम विदाई
भिण्ड, 03 मार्च। गोहद चौराहा थाना अंतर्गत ग्राम सर्वा निवासी शैलेन्द्र सिंह तोमर पुत्र स्व. सुरेन्द्र सिंह तोमर उम्र 35 वर्ष एक माह की छुट्टी लेकर अपने गृह निवास आया था। 24 फरवरी रात्रि को अपने गांव से ग्वालियर काम से मोटर साइकिल पर जा रहा था कि बरेठा टोल प्लाजा पर किसी अज्ञात वाहन ने इनकी मोटर साइकिल में टक्कर मार दी। जिससे एक गंभीर रूप से घायल हो गए तत्काल बिरला हॉस्पिटल लेकर गए।
चूंकि दुर्घटना में शैलेन्द्र को सिर में गंभीर चोट आई थी, इसलिए उनका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के शैलू को होश नहीं आया तो उन्हें एम्स दिल्ली रेफर किया गया, एम्स में भर्ती किया जाना टेड़ी खीर था। लेकिन ग्राम के सरपंच श्रीमती निर्मला कमल सिंह तोमर के सहयोग से केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर द्वारा 28 फरवरी को एम्स दिल्ली हॉस्पिटल में भर्ती कराया, मगर भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
दो मार्च को सुबह 10 बजे मां का लाड़ला इस दुनिया में नहीं रहा। इसकी जानकारी कंपनी को पता चली तो कंपनी द्वारा शहीद सम्मान और तिरंगे के साथ पार्थिव शरीर को गृह निवास लेकर आए। इसे संयोग ही कहा जाता है कि शहीद के चाचा नरेन्द्र सिंह तोमर जिला दैनिक कल्याण अधिकारी ग्वालियर दतिया ने बताया है कि शैलेन्द्र दो भाई हैं, यह बड़े हैं, इनकी पोस्टिंग 2003 में आसाम राइफल में हुई थी, अभी वर्तमान में मिजोरम में पोस्टिंग है, इनकी मां सावित्री देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। क्योंकि जब शैलेन्द्र मात्र पांच वर्ष के हुए थे, सब शैलेन्द्र के पिताजी दुनिया को छोड़ कर चले गए थे। दोनों बच्चों की परवरिश मां नहीं की थी, सैनिक की पत्नी कौशल्या उर्फ रानी की आंखों के आंसू थमने का नाम ले रहे थे। सैनिक के दो पुत्र कौशलेन्द्र आठ वर्ष, मितेन्द्र पांच वर्ष हैं। शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर जैसे ही सर्वा गांव पहुंचा तो पूरा गांव गमगीन हो गया और भारत माता के जयकारों से गुज उठा।