दिव्यांग व्यक्ति की हत्या करने वाले दो आरोपियों को आजीवन करावास

छतरपुर, 04 मार्च। विशेष न्यायाधीश (एससी/ एसटी एक्ट) छतरपुर श्री एसएस परमार के न्यायालय ने पैसों के लेन-देन के विवाद पर दिव्यांग व्यक्ति की गला घोंटकर हत्या करने के जघन्य मामले में आरोपीगण कोमल लोधी एवं प्रभू लोधी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए डीपीओ प्रवेश अहिरवार ने मामले के सभी सबूत और गवाह कोर्ट में पेश किए।
अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच अक्टूबर 2017 को फरियादी कपूरा ने पुलिस चौकी घुवारा में देहाती नालसी लेख कराई कि 29 सितंबर को उसका भाई करन अहिरवार रात्रि करीब नौ बजे से गुम है। पांच अक्टूबर को दुर्जी रैकवार ने बताया कि किसी आदमी की अगरौठा की जंगल खाई में बदबू आ रही है। बताए स्थान पर उसके भाई करन अहिरवार की लाश मिली। जिसको उसने पहने कपड़ों एवं विकलांग पैर से पहचान लिया है। जिस पर मर्ग कायम कर जांच में लिया गया। दौरान जांच मृतक की किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या कर शव छुपाने के उद्देश्य से अगरौठा के जंगल में खाई में छिपा देने की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। दौरान विवेचना पाया गया कि करन अहिरवार की रुपयों के लेन-देन पर से गांव अंगरौठा के ही आरोपीगण कोमल लोधी एवं प्रभू लोधी से रंजिश चल रही थी। आरोपीगण कोमल लोधी एवं प्रभू लोधी से पूछताछ की गई जिन्होंने पैसों के लेन-देन को लेकर मृतक का रस्सी से गला घोंटकर हत्या करना एवं शव को गड्डा खोदकर गाड़ देना बताया। जिस पर आरोपीगण को गिरफ्तार कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में रखा गया। विशेष न्यायाधीश (एससी/ एसटी एक्ट) श्री एसएस परमार की अदालत ने आरोपीगण कोमल लोधी एवं प्रभू लोधी को धारा 302/34 भादंवि में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए के जुर्माना तथा धारा 201 भादंवि में दो साल की कठोर कैद एवं एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।