– जिले के प्रतिष्ठित व्यक्ति उक्त संस्थाओं में जाकर जरूरतमंद बालकों से मिलकर उनके साथ समय व्यतीत करें
भिण्ड, 29 अप्रैल। मप्र शासन महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत जिले में संचालित बाल देखरेख संस्थानों में सामाजिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किए जाने हेतु कार्य योजना तैयार कर कार्यवाही के निर्देश हैं। जिसके अनुसार बाल देख-रेख संस्थानों में रहने वाले देख-रेख और संरक्षण के जरूरतमंद बालकों से जिले के प्रतिष्ठित व्यक्ति जनप्रतिनिधि यथा चार्टर्ड अकाउण्टेंट, डॉक्टर, वकील, प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य कानून और अन्य संबंधित क्षेत्र में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन प्रमुख व्यक्ति उक्त संस्थाओं में जाकर जरूरतमंद बालकों से मिलें उनके साथ समय व्यतीत करें जिससे बालकों का न केवल व्यक्तित्व विकास होगा बल्कि उनमें एक सहयोग की भावना जागृत होगी।
इसी के साथ शासन निर्देशों में बाल देख-रेख संस्थानों में निवासरत बालकों को स्पॉन्सर भी किया जा सकता है, अर्थात बच्चों की शिक्षा एवं अन्य जरूरत को कुछ समय के लिए स्पॉन्सर किया जा सकता है। साथ ही प्रमुख पेशेवर व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वह ऐसी बाल देखरेख संस्थानों में जाकर बच्चों के साथ समय व्यतीत करें। प्रमुख आयोजनों बच्चों के जन्मदिन, प्रमुख त्योहारों पर जाकर बच्चों के साथ समय व्यतीत करें, आवश्यकता अनुसार बच्चों की जरूरत की सामग्री पढाई की सामग्री प्रदाय की जा सकती है और उनके व्यवसाय अर्थात प्रोफेशन के अनुरूप बच्चों को मार्गदर्शन चिकित्सा परामर्श, शिक्षक परामर्श दिया जा सकता है आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने पर जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति के समन्वय से बच्चों को खेलकूद के लिए बाहर पिकनिक अन्य सांस्कृतिक धार्मिक और खेलकूद वाली गतिविधियों में संलग्न कराया जा सकता है।
जिला भिण्ड अंतर्गत किशोर न्याय अधिनियम के तहत तीन बाल देख-रेख संस्थाएं श्रीबांके बिहारी कुंज बहुउद्देशीय महिला कल्याण समिति द्वारा संचालित शिशु ग्रह बिजली घर के पास लहार, श्रीगहोई शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित बाल ग्रह कांकर कॉलोनी अटेर रोड भिण्ड, सेवा भारती मात्र छाया शिशु ग्रह वीरेन्द्र वाटिका भिण्ड संचालित हैं।