मुरैना/भिण्ड, 29 मार्च। विगत रात्रि कुटरावली में कवियों ने काव्य रस वर्षा कर माहौल को गुंजायमान और श्रोताओं को आनंदित कर दिया। राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भिण्ड के साहित्यकार डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला के गीत और गजलों को श्रोताओं की भरपूर तालियां मिलीं। उनका एक दोहा देखें – हिन्दू हो या पारसी, मालिक हो या दास। भूख सभी की एक सी, और एक सी प्यास।।
डॉ. निराला ने श्रोताओं की पुरजोर मांग पर अपनी प्रसिद्ध कविता ‘बारे दद्दा’ सुनाई तो पंडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। बारे दद्दा, बारे दद्दा, बा बा रे दद्दा। फटी फटाई दरी कल तक, और आज गद्दा।
कुटरावली गुधैनिया परिवार द्वारा आयोजित कवि सम्मलेन के संयोजक रामेश्वर तिवारी कैलारस तथा आयोजक जनपद सदस्य जयप्रकाश गुधैनिया थे। अध्यक्षता सुमत सहयोगी ने की। मुख्य अतिथि डॉ. शरद शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला थे। कु. भावना त्यागी गीतकार जौरा, अंकित शर्मा व्यंग्यकार जौरा, लोक कवि रमेश प्रजापति गुलपुरा, इज्जत कुरैशी गजलकार कैलारस, मांगीलाल मरमिट गीतकार विजयपुर, डॉ. शरद शर्मा गीतकार सबलगढ़, हास्य कवि रामेश्वर तिवारी कैलारस, राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला हास्य व्यंग्यकार भिण्ड, राजवीर सिंह सिकरवार भारती राष्ट्रीय कवि सबलगढ़ ने कविता पाठ किया। अखिल भारतीय हिन्दी सेवा समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कवि प्रमोद प्रयासी जौरा ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर जिले के प्रसिद्ध डॉ. शरद शर्मा को सम्मानित किया गया।