बजट बताता कम छुपाता ज्यादा है : माकपा

भिण्ड, 04 फरवरी। पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने बजट पेश किया, जिस पर माकपा के जिला सचिव मंडल सदस्य राजेश शर्मा ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट बताता कम, छुपाता हुआ ज्यादा है। उन्होंने इस बजट को निजीकरण और पूजीवादीकरण से जोडकर बताया।
उन्होंने कहा कि इसे जनकल्याण के आवरण में पेश किया जाता है। इसलिए यह बजट बताता कम छुपाता ज्यादा महसूस हो रहा है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि इस बजट में मनरेगा व आंगनबाडी के मध्यान्ह भोजन आदि के लिए क्या तय किया गया है। एससी व एसटी उप योजना के लिए कितनी राशि आवंटित की गई है। गरीबों और किसानों के लिए खाद्यान्न और उर्वरक सब्सिडी मद में कितनी राशि खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इस बजट में 12 लाख रुपए तक की आयकर में छूट दिए जाने पर माकपा ने दिल्ली चुनाव में वोट को साधने से जोडकर बताया है। इतना ही नहीं उन्होंने कुम्भ में रखे अमृत को केवल पूंजीपतियों और सत्ता पार्टी के नेताओं के लिए बताया। उन्होंने सरकारी आंकडों के अनुसार देश के ग्रामीण परिवारों की खर्च करने की क्षमता आठ हजार रुपए और शहरों में 12 हजार प्रति माह बताई। उन्होंने देश में मजदूरों का 95 प्रतिशत कहा और 26 हजार रुपए न्यूनतम मासिक आय के लिए आज भी लोगों के संघर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने खाद्यान्न की सब्सिडी में कटौती किए जाने पर सवाल खडे किए और भाजपा को निजीकरण की दिशा में चलने वाली पार्टी बताया।