– रिवाइज किया हुआ वेतन लेकर रहेंगे चाहे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पडे
भिण्ड, 04 अगस्त। इंदौर हाईकोर्ट में न्यूनतम वेतन के सवाल पर चल रही कोर्ट कार्रवाई में सरकार के प्रतिनिधि ने कहा कि हम एरिया बाई वेतन निर्धारण नहीं कर सकते लेकिन इंडस्ट्रीज बाई न्यूनतम वेतन पर कोई परामर्श देने के लिए तैयार हैं। जज ने कहा कि आप (सरकार) त्रिपक्षीय वार्ता कर कोई समाधान लेकर एक महीने का आपको समय दिया जाता है। सीटू के वकील ने जज के सामने स्पष्ट रूप से कहा कि जब समाधान आएगा तब आता रहेगा मजदूरों को न्यूनतम वेतन से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए और स्टे को ब्रैकेट करना चाहिए, ताकि मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिल सके न्यूनतम वेतन से कम किसी भी इंडस्ट्री या एरिया बाय नहीं दिया जा सकता है। इसके बाद भी जज ने कहा कि नहीं नहीं आप एक महीने के अंदर कोई प्रपोजल लाइए और इस तरह सरकार के गैर जिम्मेदार रवैया की वजह से फिर न्यूनतम वेतन का मामला टल गया है।
सीटू की ओर से न्यायालय कार्रवाई से लेकर मैदानी तौर पर संघर्ष जारी है और इस सवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पडे तो वह भी करने को तैयार हैं। लेकिन श्रमिकों को उनका हक अधिकार दिलाकर रहेंगे। यह बात मालनपुर में सती माता मन्दिर पार्क में सीटू की क्षेत्रीय कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहीं बैठक में सीटू के जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शर्मा ने कही। बैठक में हरगोविन्द जाटव, लायकराम कुशवाह, श्रीलाल माहौर, सुभाष चन्द्र शर्मा, रामगोपाल बाल्मीक, नरेन्द्र सिंह, निरंजन सिंह, रामवरन सूर्यवंशी, सुरेन्द्र सिंह, संगीता भदौरिया, अरविन्द यादव आदि उपस्थित थे।