राशन लेने न आने वाले उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर करें सत्यापन 

ग्वालियर कलेक्टर श्रीमती चौहान ने की सार्वजनिक वितरण प्रणाली व उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा

ग्वालियर 13मार्च:- शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से जो खाद्यान्न पर्चीधारी लंबे समय से राशन लेने नहीं आ रहे हैं, उनके घर-घर जाकर सत्यापन कर यह पता लगाएँ कि वे किस वजह से अपना राशन नहीं ले रहे हैं। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली और रबी उपार्जन तैयारी की समीक्षा के दौरान खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने उचित मूल्य की दुकान पर दर्ज शतप्रतिशत उपभोक्ताओं की मोबाइल फीडिंग का काम अभियान बतौर पूर्ण करें। उन्होंने अगले तीन दिन में शेष 17 हजार 649 परिवारों में से कम से कम पाँच हजार परिवारों की मोबाइल फीडिंग कराने के निर्देश खाद्य विभाग के अधिकारियों को दिए। साथ ही ईकेवायसी का काम भी तेजी से पूर्ण करने पर बल दिया। कलेक्टर ने कहा कि जिले की सभी 263 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानों का नियमित संचालन हो। जिन पाँच पंचायतों में राशन की दुकानें नहीं खुल पाई हैं वहाँ भी निर्धारित प्रक्रिया के तहत जल्द से जल्द उचित मूल्य की दुकान शुरू कराएँ। उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यन्न का उठाव व वितरण, मध्यान्ह भोजन, आंगनबाड़ी खाद्यान्न व छात्रावासों को दिए जाने वाले खाद्यान्न के वितरण की स्थिति की समीक्षा की। साथ ही कहा कि जो छात्रावास खाद्यान्न का उठाव नहीं कर रहे हैं उनके अधीक्षक को नोटिस जारी करें।

समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्रीमती चौहान ने यह भी निर्देश दिए कि उज्ज्वला योजना के तहत शेष सभी पात्र परिवारों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिलाने का काम तेजी से किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान जिले में 21 हजार 142 नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरूण कुमार सहित खाद्य, सहकारिता, वेयर हाउस कॉर्पोरेशन, जिला सहकारी बैंक सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

गेहूँ उपार्जन के लिये पर्याप्त खरीदी केन्द्र स्थापित करें 

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ एवं रबी की अन्य फसलों के उपार्जन के लिये की जा रहीं तैयारियों की बैठक में विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत जिले में पर्याप्त खरीदी केन्द्र स्थापित करें। बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में 48 खरीदी केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं। राज्य शासन के प्रावधानों के तहत दो और केन्द्र खोले जा सकते हैं। मौजूदा रबी मौसम में जिले में एक लाख 44 हजार हैक्टेयर रकबे में गेहूँ की बोनी हुई थी। जिले में 12 हजार 777 किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने के लिये पंजीयन कराया है। इस साल लगभग एक लाख मैट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का अनुमान है। प्रदेश सरकार द्वारा इस साल 2275 रूपए प्रति क्विंटल गेहूँ का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।