हत्या कारित करने वाले दो आरोपियों को आजीवन कारावास

सागर, 01 मार्च। द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर शिवबालक साहू की अदालत ने चाकू एवं लाठी से मारपीट कर हत्या कारित करने वाले आरोपीगण मोनू उर्फ मुन्नु यादव एवं गगन उर्फ बंटी यादव को दोषी करार देते हुए धारा 302 भादंवि के तहत आजीवन कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए के जुर्माने तथा धारा 323/34 में छह-छह माह के कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। शेष आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी आकाश सिंह ने इस जिला चिकित्सालय में इस आशय की देहाती नालिशी लेख कराई कि एक अप्रैल 2020 को सुबह नौ बजे इसके पडोस में रहने वाला गगन उर्फ बंटी यादव जिससे इसका पुराना विवाद है वह घर के सामने से बार-बार निकल रहा था तो घर के बाहर बैठे उसके भाई रोहित राजपूत ने मना किया तो गगन उर्फ बंटी विवाद करने लगा हल्ला सुनकर यह तथा इसका भाई राजकुमार बाहर आए इसी बीच मोनू यादव आकर जान से मारने की नियत से रोहित को बांयी तरफ एवं दाहिनी तरफ पसली में चाकू मारकर चोट पहुंचाई, पीछे से गगन के चाचा ने आकर फरियादी के सिर में मारा जिससे उसे खून निकल आया। इसी बीच विनोद यादव, छोटू यादव भी आ गए जिन्होंने फरियादी, उसके भाई रोहित और राजकुमार को लात घूसों से मारपीट किया। इसका चचेरा भाई सचिन बचाने के लिए आया तो मोनू यादव ने उसे भी चाकू मारा, जिससे उसकी दाहिनी तरफ पसली में चोट आई फिर फरियादी अपने भाई राजकुमार उर्फ सचिन के साथ रोहित को लेकर अस्पताल पहुंचा जिसे मारपीट में आई चोटों के कारण रोहित की अस्पताल में मृत्यु हो गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना कोतवाली पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 302, 34 का अपराध आरोपीगण के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश शिवबालक साहू के न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।