गांजा विक्रय करने वाले आरोपी को छह माह 17 दिन का कारावास

न्यायालय ने दस हजार अर्थदण्ड भी लगाया

सागर, 01 मार्च। विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने गांजे का विक्रय करने वाले आरोपी प्रशांत कोरी को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा-8, सहपठित धारा- 20(बी)(आईआई)(बी) के तहत छह माह 17 दिवस के कारावास एवं दस हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना बांदरी में पदस्थ उपनिरीक्षक को 30 जनवरी 2019 को मुखबिर ने थाना उपस्थित होकर सूचना दी कि फोर लाईन मुकद्दम ढाबा झांसी रोड बांदरी के पास आरोपी प्रशांत कोरी गांजा लिए विक्रय करने हेतु खडा है। समस्त वैधानिक कार्रवाई मय विवेचना किट सहित मुखबिर सूचना की तस्दीक हेतु थाना से रवाना होकर झांसी रोड पर मुकद्दम ढाबा पहुंचे, जहां आरोपी थैला लिए खडा था, जिसका नाम पता पूछने पर अपना नाम प्रशांत कोरी बताया। आरोपी को मुखबिर की सूचना से अवगत कराया गया उसके बाद आरोपी के थैले की तलाशी लेने पर उसमें गांजे जैसा पदार्थ रखा मिला, जिसे चखकर, जलाकर देखा गया जो मादक पदार्थ गांजा होना पाया गया। आरोपी के कब्जे से कुल दो किलो गांजा जब्त किया गया। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना बांदरी पुलिस ने धारा-8/20 एनडीपीएस एक्ट का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।