अवैध रूप से गांजे का बेचने वाले आरोपी को डेढ वर्ष का कारावास

न्यायालय ने आरोपी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

सागर, 31 अक्टूबर। विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने अवैध रूप से गांजे का विक्रय करने वाले आरोपी हीरालाल अहिरवार को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा 20(इ)(आईआई)(बी) के तहत एक वर्ष छह माह के कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना बीना चौकी बजरिया प्रभारी को 22 अगस्त 2019 को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी हीरालाल अहिरवार पेंशन ऑफिस के पीछे वाली गली में गांजा बेचने की फिराक में है। मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर वैधानिक कार्रवाई उपरांत हमराह स्टाफ के साथ मुखबिर द्वारा बताए स्थान पर पहुंचे, जहां लाईट की रोशनी में एक व्यक्ति बैगनी कलर का बेग लिए दिखाई दिया, जिसे हमराह स्टाफ की सहायता से घेराबंदी कर पकडा गया, नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम हीरालाल अहिरवार निवासी गणेश वार्ड बीना बताया। आरोपी के बैग की तलाशी में मादक पदार्थ पाया गया, जिसे रगड कर, जला कर, सूंघ कर परीक्षण किए जाने गांजा पाया गया। गांजा को समरस किया गया, कुल वजन चार किलों 100 ग्राम पाया गया। जिसका पंचनामा बना कर अभियुक्त का कृत्य 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत पाए जाने से उसेे गिरफ्तार किया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना बीना में धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट 1985 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।