भिण्ड, 13 अक्टूबर। दंदरौआ धाम में महंत 1008 महामण्डलेश्वर रामदास महाराज को दो माह पहले कांक्सी हनुमान मन्दिर का महंत बनाया गया। मन्दिर की महंती मिलने के बाद वे शुक्रवार को कांक्सी मन्दिर पहुंचे और हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर श्रृद्धालुओं को प्रवचन दिए।
इस अवसर पर महंत रामदास महाराज ने कहा कि भगवान भक्त में कभी अभिमान नहीं रहने देते, क्योंकि भगवान अपने भक्तों का अभिमान हर लेते हैं, बिना विश्वास के भक्ति नहीं होती है, संत कृपा होती है तो मनुष्य भक्ति प्राप्त कर सकता है, लेकिन संत और सदगुरू भक्ति का मार्ग बता सकते हैं, लेकिन चलना तो शिष्य को ही पडेगा। उन्होंने कहा कि सदगुरू रास्ता बताते हैं, किंतु शिष्य को ही चलना पडता है। भक्ति के लिए हमेशा छोटा बनकर रहो क्योंकि भक्ति के दरबार में उसी को प्राथमिकता मिलती है जो सबसे छोटा होता है, दीन होता है। भक्त की पहचान यही होती है कि वह अपने को कभी बडा नहीं समझता। साधक अगर भक्ति के करीब पहुंच जाए तो उसे ज्यादा समय तक विचार नहीं करना चाहिए वरना कोई ऐसी घटना घटती है जिससे कि आप भक्ति से दूर हो जाते हैं, इसलिए बिना विचारे भक्ति में डूब जाना चाहिए।
महंत रामदास महाराज के सानिध्य में कांक्सी मन्दिर पर दीपावली के पावन पर्व के बाद सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर नाटी महाराज पुजारी, जलज त्रिपाठी, ओम पचौरी, नरसी दद्दा, हरिओम बरुआ, मिच्चू बाबा सहित अनेक श्रृद्धालु मौजूद रहे।