बालिका से छेडखानी करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का कारावास

सागर, 25 सितम्बर। तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत ने बालिका के साथ छेडखानी करने वाले अभियुक्त वीरेन्द्र बिल्थरे को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 294 भादंवि में तीन माह सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 354क भादंवि में एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, पाक्सो एक्ट की धारा 7/8 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई), 3(2)(व्ही-ए) के तहत तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(1)(आर) के तहत छह माह सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता पीडिता ने छह जुलाइ 2022 को थाना गौरझामर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि आज दोपहर करीब 1:30 बजे वह घर के बाहर काम कर रही थी और उसके पिता घर के भीतर सो रहे थे तथा उसका छोटा भाई भी घर पर था। उसी समय अभियुक्त वीरेन्द्र बिल्थरे आया और उसे अकेला देखकर बुरी नियत से उसके कंधे पर हाथ पटक कर उसके साथ छेडखानी करने लगा और गंदी-गंदी बातें कहने लगा, वह चिल्लाई तो उसके पिता और छोटा भाई दौड कर आ गए, उन्हें देखकर अभियुक्त वीरेन्द्र बिल्थरे गालियां देकर बोला कि रिपोर्ट करने गए तो जान से खत्म कर देंगे। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना गौरझामर पुलिस ने धारा 354क(1)(आई), 294, 506 भादंसं, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(1)(डब्ल्यू)(आई) व 3(2)(व्ही-ए), धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।