नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कारावास

सागर, 25 सितम्बर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त राजेश पुत्र मुन्ना अहिरवार को दोषी करार देते हुए धारा 366ए भादंवि में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एम), सहपठित धारा 6 में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता की मां) ने 13 अप्रैल 2021 को पुलिस थाना सुरखी में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि आज शाम करीब चार बजे पीडिता घर से थोडी दूर खेल रही थी, कुछ देर बाद वह घर आई बोली कि उसे शौंच के लिए जाना है, जहां रोने लगी और उसने बताया कि उसे प्राइवेट पार्ट में दर्द हो रहा है। उसने पूछा क्या हो गया है, तो अभियेाक्त्री ने बताया कि खेलते समय अभियुक्त राजेश अहिरवार ने उसके प्राइवेट पार्ट के साथ छेडखानी की, जिससे खून निकलने लगा। फिर वह पीडिता और अपने पति को लेकर रिपोर्ट करने के लिए थाने पहुंची। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सुरखी पुलिस ने धारा 363, 366ए, 376एबी, 342 भादंसं तथा धारा 5(एम)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्ताबेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।