दुर्घटना कारित करने वाले बस चालक को चार-चार माह की सजा

भिण्ड, 22 सितम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गोहद, जिला भिण्ड अग्नीन्ध्र कुमार द्विवेदी के न्यायालय ने गोहद चौराहा थाने के प्रकरण क्र.362/2016 में लापरवाही से बस चलाकर दुर्घाटना कारित करने वाले बस चालक अशोक पुत्र लोडूराम खटीक उम्र 29 साल निवासी ग्राम फड का पुरा, थाना बामौर, जिला मुरैना को धारा 279, 337 भादंंसं में तीन-तीन माह के सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 338 भादंसं में दो काउंट के लिए चार-चार माह सश्रम कारावास एवं 600-600 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। सभी सजायें साथ-साथ चलेंगी। अर्थदण्ड अदायगी में व्यतिक्रम की दशा में एक माह का सश्रम कारावास पृथक से भुगताया जाएगा।
प्रकरण का संचालन कर रहे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी शैलेन्द्र कुमार शर्मा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पांच फरवरी 2016 को फरियादी विजेन्द्र तथा मीराबाई भानेज का इलाज कराकर ग्वालियर से टाटा इंडिगो क्र. एम.पी.30 सी.1462 से उसके घर भिण्ड वापस लौट रहे थे। शैलेन्द्र राजावत गाडी को चला रहा था, वह ग्राम छीमका एरीकेशन रेस्ट हाउस भिण्ड ग्वालियर रोड पर जा रहे थे, उसके आगे बस क्र. एम.पी.07 पी.0776 जा रही थी, जैसे ही वह छीमका रेस्ट हाउस के पास दोपहर करीब दो बजे जा रहे थे। उक्त बस के चालक ने बिना संकेत दिए एवं इंडीकेटर जलाए बिना बस को रोक दिया, जिससे उसकी गाडी में टक्कर लगने से उसके सिर, चेहरा, ठोढी, दाहिने हाथ की कलाई, दाहिने पैर के घुटने तथा मीराबाई के सिर तथा शैलेन्द्र के सिर में सामने घाव होकर चोटें तथा मंूदी चोटें सभी के आई थीं। 108 एंबुलेंस से गोहद अस्पताल पहुंचे वहां इलाज कराया था। डॉ. साहब ने जेएच ग्वालियर रैफर कर दिया था। फरियादी ने घटना की रिपोर्ट आरक्षी केन्द्र गोहद में लिखवाई। प्रश्नगत वाहन के चालक के विरुद्ध अपराध क्र.30/2016 पर धारा 279, 337 एवं 338 भादंसं का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आहतगण का मेडीकल परीक्षण कराया गया, घटना स्थल का नक्शा मौका बनाया गया। साक्षीगण के धारा 161 दंप्रसं के अंतर्गत कथन लेखबद्ध किए गए। प्रश्नगत वाहन पांच फरवरी 2016 को घटना स्थल पर भिण्ड-ग्वालियर हाइवे रोड छीमका से जब्त कर आरोपी को गिरफ्तारी किया गया। अनुसंधान उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में 28 जून 2016 को पेश किया गया। न्यायालय जेएमएफसी गोहद ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से सहमत हो कर अभियुक्त को (आहत मीरा के लिए) धारा 279, 337 भादंसं में तीन-तीन माह के सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 338 भादंसं में (दो काउंट, आहत विजेन्द्र एवं शैलेष/ शैलेन्द्र के लिए) चार-चार माह सश्रम कारावास एवं 600-600 रुपए (इस प्रकार कुल 2200 रुपए) जुर्माने से दण्डित किया है।