परस्पर प्रेम और सहयोग करना ही मानव धर्म : डॉ. सेंगर

हिन्दवी स्वराज की स्थापना के 350वे वर्ष पर कवि सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 09 सितम्बर। केशव स्मृति सेवा न्यास भिण्ड द्वारा 350वी हिन्दवी स्वराज्य समारोह की श्रृंखला में चल रहे कार्यक्रमों के तहत किशोरी पब्लिक स्कूल भिण्ड के सभागार में विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती, भारत माता एवं शिवाजी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। तत्पश्चात आयोजन समिति के जगदीश दीक्षित एडवोकेट ने 350वी हिन्दवी स्वराज्य की रूपरेखा रखी।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर ने कहा कि मनुष्य को परस्पर प्रेम और सहयोग करना ही सबसे बड़ा धर्म है। इससे सामाजिक संगठन मजबूत रहता है और बहुमुखी विकास भी होता है। उन्होंने छत्रपति शिवाजी जैसे अन्य सेनानियों को स्मरण कर उन्हें श्रृद्धांजलि देते हुए उनसे प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिवाजी ने दुश्मनों के किले फतह करते हुए सामरिक सुरक्षा की दृष्टि से समुद्र में भी किले बनवाए और भारतीय सीमाओं को सुरक्षित किया।
कवि सम्मेलन में राष्ट्र भक्ति, भारत के इतिहास, भूगोल, हिन्दवी स्वराज्य आदि पर आधारित काव्य पाठ किया गया। कवि संतोष अवस्थी की कविता ‘वीर शिवाजी राणा को लिख दूं या झांसी की रानी को’ एवं प्रदीप वाजपेयी युवराज द्वारा पढ़ी गई ‘मेरी चंबल का पानी’ ने श्रोताओं का मन मोह लिया। वहीं रामकुमार पाण्डेय की कविता ‘जियो और जीने दो का संदेश’ तथा महावीर तन्हा द्वारा से पढ़ी गई ‘तीर निशाने पर बैठाना कितना मुश्किल है’ को श्रोताओं ने खूब सराहा। कवियित्री सुषमारानी श्रीवास्तव ने शहीदों पर सुन्दर गीत सुनाया। वहीं चन्द्रशेखर कटारे ने ‘कोर हिय की व्यथा को जानता है कौन’ छंद में पढ़ा। राधेगोपाल यादव का वीर रस पूर्ण गीत श्रोताओं के लिए प्रशंसनीय रहा। संचालन प्रदीप बाजपेयी युवराज ने किया।
अंत में न्यास के अध्यक्ष नवल सिंह भदौरिया ने आए हुए कवियों को अंगवस्त्र, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। मध्य रात्रि तक चले कवि सम्मेलन के अंत में आभार प्रदर्शन सुरेन्द्र सिंह चौहान ने किया। इस अवसर पर न्यास के सचिव कैलाश नगरिया, सदस्य हर्षवर्धन जैन, अनिल शर्मा, रामशरण पुरोहित, सुनील अग्रवाल, गजेन्द्र सिंह, उमेश भदौरिया, ऊषा नगरिया, रामानन्द शर्मा के अलावा बड़ी संख्या में गणमान्य एवं श्रोता उपस्थित रहे।