जलाकर हत्या करने वाले पांच आरोपियों को आजीवन कारावास

सागर, 07 अगस्त। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट जिला सगार प्रदीप सोनी की अदालत ने मिट्टी का तेल डालकर जलाकर हत्या करने वाले आरोपी अज्जू उर्फ अजहर पठान पुत्र अनवर पठान उम्र 22 साल, इरफान खान पुत्र बबलू खान उम्र-19 साल, कलू उर्फ मो. साबिर पुत्र मो. शरीफ उम्र 23 साल, छुट्टु उर्फ अशरफ कुरैशी पुत्र चुन्ना कुरैशी उम्र 24 साल, बबलू उर्फ डैनी खान पुत्र गनी खान उम्र 42 साल को दोषी करार देते हुए धारा 302/149 भादंवि के तहत आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 450 भादंवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)5 एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी शिव संजय एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 14 जनवरी 2020 को फरियादी धनप्रसाद अहिरवार ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि मैं ओ ब्लॉक कमरा नं.17 में रहता हूं। आज शाम करीब चार बजे मेरे मोहल्ले के छुट्टू, अज्जू, कल्लू, इरफान मुसलमान मेरे घर आए, मैंने उनसे कहा कि तुम मेरे माता-पिता को परेशान मत करो, पिछले कुछ दिनों से तुम मेरे माता-पिता को परेशान कर रहे हो। इसी बात पर से चारों मेरे माता-पिता को गालियां देने लगे। मैंने गाली देने से मना किया तो चारों लोग मेरे घर के अंदर घुस आए और मुझे भी गालियां देने लगे, मेरे साथ लात-घूसो से मारपीट की और मुझे जान से खत्म करने की नियत से वहीं पर रखा मिट्टी का तेल मेरे ऊपर डाल दिया और माचिस से आग लगा दी। मैंने बचाव करने का प्रयास किया तो चारों ने जाति सूचक शब्द बोले और जान से खत्म करने की धमकी दी। मौके पर आस-पडोस के लोग थे, जिन्होंने घटना देखी। आरोपीगण मेरी जाति के संबंध में जानते थे कि मैं अहिरवार जाति का हूं, इसके बाद भी चारों ने मुझे जान से खत्म करने की नियत से घर के अंदर घुसकर मेरे ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। आहत को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, थाना मोती नगर द्वारा देहाती नालिशी लेख कर उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, घटना स्थल का एफएसएल टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। फरियादी ने अपने मरणासन्न कथन में पांच आरोपियों के नाम लेख कराए, जिनमें उक्त चार आरोपियों के अलावा बबलू कसाई का नाम भी लेख कराया, आहत के मरणासन्न कथन और 161 के कथनों व अन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी बबलू मुसलमान के नाम का इजाफा किया गया, आहत को इलाज के लिए दिल्ली में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्य हो गई। अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर पुलिस ने आरोपीगण के विरुद्ध धारा 307, 302, 294 323, 452, 450, 147, 148, 149, 34 भादंसं एवं धारा-3(1)(द)(ध), 3(2)(5)(क), 3(2)5 एससी/एसटी एक्ट का अपराध आरोपियों के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया। अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट प्रदीप सोनी के न्यायालय ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है।