ग्वालियर, 01 अगस्त। दशम एएसजे ग्वालियर असरफ अली के न्यायालय में विचाराधीन जघन्य श्रेणी के प्रकरण क्र.545/21 में नशे के लिए रुपए न देने पर हत्या करने वाले आरोपी मन्ना उर्फ महेन्द्र कुशवाह एवं शिवा कुशवाह को धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास एवं 50-50 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 329 भादंवि में दस साल सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, साथ ही आरोपी मन्ना उर्फ महेन्द्र कुशवाह को आयुध अधिनियम की धारा 25 (1)(1बी)(ए) में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, आयुध अधिनियम की धारा 27 में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादिया पिंकी कुशवाह ने मौखिक रूप से रिपोर्ट दर्ज कराई कि 17 अप्रैल 2021 को शाम 5:30 बजे की बात है, वह अपनी सास मुन्नी कुशवाह के साथ अपने घर के बाहर दरवाजे के पास बैठी हुई थी, सामने ही उनका सामलाती प्लॉट है, जिसके एक तरफ टीन डली हुई है। कोरोना का लॉकडाउन होने की वजह से घर के सभी आदमी उसी प्लॉट में सामने ही बैठे बात कर रहे थे, जिनमें उसके पति विनोद कुशवाह, देवर तेजसिंह कुशवाह, चचिया ससुर अमर सिंह बैठे हुए बाते कर रहे थे, तभी पडौस में रहने वाला बदमाश मना उर्फ महेन्द्र उर्फ जगदीश कुशवाह दो अन्य साथियों के साथ वहां आया तथा उसकी पीछ-पीछे उसका देवर तेजसिंह से नशे के लिए रुपए मांगने लगे तथा झगडा करने लगे, तब उसके चचिया ससुर अमर सिंह व देवर तेजसिंह उससे डर कर अपने घर की तरफ आने लगे, जबकि उसके पति विनोद कुशवाह पैर से अपंग होने की वजह से वहीं बैठे रहे, जिनसे मना उर्फ महेन्द्र उर्फ जगदीश कुशवाह और उसके साथी नशे के लिए रुपए मांगने लगे, उनके पास रुपए नहीं थे, तो उन्होंने रुपए देने से मना कर दिया। इसी बात से गुस्सा होकर मना उर्फ महेन्द्र उर्फ जगदीश कुशवाह के दो साथियों ने उसके पति को पकड लिया, पीछे से मना उर्फ महेन्द्र का लडका शिवा चिल्ला रहा था कि इसे जान से खत्म कर दो, तभी मना उर्फ महेन्द्र उर्फ जगदीश कुशवाह ने अपने हाथ में लिए कट्टे से जान से मारने की नीयत से उसके पति विनोद कुशवाह को सामने से चेहरे पर गोली मार दी, जिससे गोली बांई आंख के ऊपर लगी और विनोद कुशवाह घायल होकर गिर पडे, गोली मारकर वह लोग वहां से भाग गए। तब उसके घर के लोग उसके पति को लेकर अस्पताल गए, तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। जिस पर से थाना माधौगंज में अपराध क्र.180/21 पंजीबद्ध किया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायलय के समक्ष पेश किया गया। अभियोजन अधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने साक्षियों के कथन व दस्तावेजी साक्ष्य, मेडिकल रिपोर्ट के माध्यम से संदेह से परे प्रमाणित कराया तथा न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को सजा सुनाई है।