शाजापुर, 01 अगस्त। पष्ठम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला शाजापुर की अदालत ने सरपंच की हत्या करने वाले आरोपीगण कमल सोलंकी पुत्र निर्भय सिंह, जीवन सिंह पुत्र निर्भय सिंह, जितेन्द्र सोलंकी पुत्र निर्भय सिंह, रामकुवर बाई पत्नी निर्भय सिंह निवासी ग्राम सिरोलिया, थाना मक्सी, जिला शाजापुर को धारा 302/34 भादंवि में आजीवन कारावास और दो-दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 201/34 भादंवि में पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया गया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी उपसंचालक (अभियोजन) सुश्री प्रेमलता सोलंकी शाजापुर एवं अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला शाजापुर रमेश सोलंकी ने की।
अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी शाजापुर रमेश सोलंकी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 27 दिसंबर 2018 को पुलिस थाना मक्सी के थाना प्रभारी निरीक्षक कुलवंत जोशी को बद्रीलाल जाट निवासी ग्राम सिरोलिया ने सूचना दी कि वह सुबह आठ बजे अपने खेत पर पानी देने जा रहा था, वह सुरालिया जंगल धुलजी के खेत के पास पहुंचा तो उसने रेल्वे लाईन की कुछ दूरी पर सौदान सिंह पुत्र भैय्यालाल गुर्जर सरपंच ग्राम बडनपुर की लाश पडी हुई देखी। उक्त सूचना पर निरीक्षक कुलवंत जोशी ग्राम सिरोलिया घटना स्थल रेल्वे ट्रेक के पास पहुंचे। जहां पर सूचनाकर्ता ब्रदीलाल जाट भी उन्हें मिला। बद्रीलाल जाट ने मृतक की लाश धुलजी के खेत के पास रेल्वे ट्रेक के किनारे कुछ दूरी पर पडी दिखाई। घटना स्थल पर सूचनाकर्ता के बताए अनुसार थाना प्रभारी ने देहाती नालसी लेखबद्ध कर मर्ग कायम किया। संपूर्ण मर्ग जांच में थाना प्रभारी मक्सी ने यह पाया कि मृतक सौदान सिंह सरपंच का आरोपीगण के घर पर आना जाना था। मृतक सौदान सिंह का आरोपी कमल की पत्नी से मेल-मिलाप होने से ग्राम सिरोलिया में आरोपीगण कमल सोलंकी, जीवन सोलंकी, जितेन्द्र सोलंकी व रामकुंवर बाई सभी ने मिलकर लकडी, पत्थर, कुल्हाडी व पेचकस से मृतक सौदान सिंह के साथ मारपीट कर हत्या कर दी और उसकी लाश को छुपाने के लिए मृतक की मोटर साइकिल पर ही सौदान सिंह को मृत अवस्था में बिठाकर आरेापी जितेन्द्र व जीवन सिंह द्वारा मोटर साइकिल से सिरोलिया के जंगल के रास्तें रेल्वेे ट्रेक के किनारे ढलान में मृतक की लाश को फेंक दिया। उक्त मर्ग की जांच उपरांत थाना प्रभारी ने असल अपराध थाना मक्सी पर पंजीबद्ध कर संपूर्ण अनुसंधान उपरांत आरोपीगण के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया है।