भिण्ड, 09 जून। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने मप्र मत्स्योद्योग अधिनियम 1948 संशोधित 1981 की धारा 3(3) एवं मप्र नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 के नियम 3(2) के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त तक बंद ऋतुकाल होने के कारण अवैधानिक मत्स्याखेट/ परिवहन/ क्रय/ विक्रय पर रोक लगा दी गई है। उल्लंघन करने पर उक्त मत्स्योद्योग की धारा 5 में पांच हजार रुपए तक का जुर्माना अथवा एक वर्ष का कारावास अथवा दोनो से दंण्डित किए जाने का प्रावधान है। मप्र शासन मछली पालन विभाग के ज्ञापन 23 मार्च 1987 के अंतर्गत छोटे तालाबों या अन्य स्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हें निर्दिष्ट की परिभाषा के अंतर्गत नहीं लाया गया है को छोडक़र समस्त नदियों एवं जलाशयों में बंद ऋतुकाल में मत्स्याखेट पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। उक्त अवधि में मछली का प्रजनन काल होने से वंश बृद्धि को दृष्टिगत रखकर मत्स्य संरक्षण हेतु की जाकर उक्त काल को बंद ऋतुकाल घोषित किया गया है।