आशा कार्यकर्ता, ऊषा और पर्यवेक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर आज से

जमीनी स्तर पर सरकार का स्वास्थ्य अभियान व सेवाएं होगी पूरी तरह ठप्प

भिण्ड, 14 मार्च। शोषण एवं उपेक्षा के विरोध में, जीने लायक वेतन की मांगों को लेकर प्रदेश की आशा एवं ऊषा कार्यकर्ता तथा पर्यवेक्षक 15 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगी। प्रदेश की 85 हजार आशा ऊषा पर्यवेक्षकों के शोषण के खिलाफ, 24 जून 2021 को मिशन संचालक द्वारा दिए गए निर्णय को लागू कर आशा को 10 हजार एवं पर्यवेक्षक को 15 हजार रुपए निश्चित वेतन तुरंत लागू किए जाने की मुख्य मांग को लेकर हाने वाली इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से जमीनी स्तर पर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाए पूरी तरह ठप्प होगी।
मप्र आशा, आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ की प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मी कौरव ने बताया कि हाल में विधानसभा में प्रस्तुत बजट में भी सरकार ने आशा ऊषा पर्यवेक्षकों की वेतन वृद्धि के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। एक तरफ सरकार द्वारा आशा एवं ऊषा कार्यकर्ताओं तथा पर्यवेक्षकों पर काम का बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है और अन्य कई विभागों के काम को भी आशाओं से कराया जा रहा है। दूसरी तरफ आशाओं को जीने लायक वेतन देने के मामले में मप्र सरकार कुछ भी नहीं कर रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की हजारों आशाएं मात्र दो हजार रुपए के अल्प वेतन में अपना जीवन गुजारने के लिए विवश हंै। इसी राशि में से उन्हें प्रतिमाह चार से पांच विभागीय बैठकों में भी शामिल होना है। केन्द्र सरकार स्वास्थ्य को राज्य का विषय बताकर आशाओं के वेतन वृद्धि को राज्य सरकार पर छोड़ देती है। इसी आधार पर अन्य राज्य सरकारें अपनी ओर से आठ हजार रुपए तक अतिरिक्त वेतन देकर आशा ऊषा पर्यवेक्षकों को राहत पहुंचा रही है। वहीं मप्र सरकार पिछले 16 वर्षों से आशाओं को अपनी ओर से कुछ भी नहीं दे रही है। राज्य सरकार जिन सात कामों की राशि को दोगुना करने की बात कर रही है, सरकार उस राशि का भुगतान कर ही नहीं रही है, वहीं 40 प्रतिशत आशाओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसी परिस्थिति में मजबूर होकर मप्र आशा, आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया गया है। संगठन ने प्रदेश की सभी आशा ऊषा कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों और संगठनों से अपना अपना काम बंद कर हड़ताल में शामिल होने एवं हड़ताल के दौरान होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। संघ द्वारा यह भी तय किया है कि जब तक सरकार की ओर से न्यायपूर्ण वेतन का निर्णय नहीं होगा तब तक हड़ताल जारी रखी जाएगी। हड़ताल का पहला दिन जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।