भिण्ड, 14 फरवरी। जिला दण्डाधिकारी डॉ. सतीश कुमार एस ने जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिवेदन पर माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्ड्री तथा हाईस्कूल की वार्षिक परीक्षाओं के मद्देनजर कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के अंतर्गत ध्वनि विस्तारक यंत्रो के दुरुपयोग कर बहुत अधिक तीब्रता से बजाए जाने पर रोक लगा दी है।
जिला दण्डाधिकारी डॉ. सतीश कुमार एस ने आदेश जारी कर कहा है कि लोक परिशांति बनाए रखने तथा विद्यार्थियों को परीक्षा तैयारियों हेतु शांति पूर्ण वातावरण प्रदान करने हेतु मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनमयन एवं नियंत्रण) नियम 2000 के तहत तत्काल प्रभाव से परीक्षा समाप्ति की अवधि के लिए आदेश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे लाउड स्पीकर, डेक, डीजे इत्यादि का उपयोग किसी सभा, सम्मेलन, जलूस, कार्यक्रम, जलसा या चलित वाहन इत्यादि में नहीं करेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। चूंकि यह आदेश तत्काल रूप से प्रसारित किया जाना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में सभी संबंधित व्यक्तियों को सुना जाना संभव नहीं है। अत: यह आदेश एक पक्षीय रूप से जारी किया जाता है।
संबधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी जिला भिण्ड अपरिहार्य परिस्थितियों में सुबह छह बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारकों के 1/4 वॉल्यूम में (ध्वनि स्तर परिवेशी ध्वनि 10 डेसीबल से अनधिक) पर अनुमति दे सकेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रो का पूर्ण रूपेण प्रतिबंधित रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने की दषशा में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा परीक्षा अधिनियम 1937 एवं अन्य अधिनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश भिण्ड जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर परीक्षा समाप्ति होने तक प्रभावी रहेगा।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्ड्री तथा हाईस्कूल की वार्षिक परीक्षाएं तीन मार्च से प्रारंभ हो रही हैं। इस दौरान कुछ व्यक्तियों या समूहों द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रो का दुरुपयोग कर बहुत अधिक तीव्रता से उनको बजाए जाने की संभावना है, जिससे परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारियों में बाधा उत्पन्न हो सकती है तथा लोक परिशांति भी विक्षुब्ध होगी। जिससे लोगों के मध्य विवाद की स्थिति भी निर्मित होने की प्रबल संभावना है।